Trending: पहले मुर्गी आई या अंडे के सवाल का सही जवाब आज तक कोई नहीं दे पाया, अगर कोई जवाब भी देता था तो सवाल करने वाले के तर्क के आगे हार जाता था, लेकिन अब आप हारेंगे नहीं, क्योंकि इसका सटीक जवाब दुनिया के फेमस वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है।
Trending: आपसे एक पहेली अक्सर किसी ना किसी ने पूछी होगी, कि मुर्गी पहले आई या अंडा? आप इस सवाल को हल्के में मत लीजिए क्योंकि इंडोनेशिया में इसी पहेली पर तो एक शख्स ने अपने दोस्त को चाकुओं से गोद डाला था। क्योंकि उसका दोस्त सही जवाब नहीं दे पाया था। लेकिन इस ग्लोबल और अन आंसर्ड क्वैश्चन का सही जवाब मिल गया है। वो भी दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने बड़े ही वैज्ञानिक तरीके से इसका जवाब खोजा है। तो जानना चाहेंगे आप कि धरती पर कौन पहले आया मुर्गी या अंडा?
शेफ़ील्ड और वारविक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अलावा ब्रिस्टल और नानजिंग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इस पहेली का सबूत और तर्क के साथ इसका जवाब खोजा है। इस पहेली पर शोध की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अंडे के छिलके में एक प्रोटीन ओवोक्लिडिन (OC-17) पाया जाता है। ये प्रोटीन सिर्फ़ मुर्गी के गर्भाशय में ही बनता है। अंडे को बनने के लिए इस प्रोटीन की ज़रूरत होती है, जिसे मुर्गी के अलावा कोई पूरा नहीं कर सकता। इसलिए जाहिर है कि अंडा मुर्गी के बिना तो बन नहीं सकता। इसलिए जवाब ये है कि पहले धरती पर मुर्गा-मुर्गी आए ना कि अंडा।
ब्रिस्टल और नानजिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की पेश की गई ये रिपोर्ट नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट का कहना है कि पक्षियों और सरीसृपों के पूर्वजों ने पहले बच्चों को जन्म दिया था ना कि अंडो को। इसके बाद धीरे-धीरे इनमें बदलाव आने लगे और इनमें अंडे देने की क्षमता भी विकसित होती गई। रिपोर्ट में तथ्य दिया है कि हजारों साल पहले मुर्गा-मुर्गी भी ऐसे नहीं थे जैसे कि आज हैं। वो पहले पक्षियों और सरीसृपों की तरह ही बच्चों को ही जन्म देते थे ना कि अंडे को।
शोधकर्ताओं के मुताबिक बच्चे को जन्म देना और उसकी क्षमता विस्तारित भ्रूण प्रतिधारण यानी एक्सटेंडड एम्ब्रायो रेटेंशन के चलते होता है। कुछ जीव जैसे मगरमच्छ, पक्षी, कछुए ऐसे अंडे देेते हैं, जिनमें भ्रूण नहीं होता ये बात में विकसित होता है। जबकि कुछ जीव ऐसे हैं जो पहले से ही विकसित भ्रूण वाले अंडे को जन्म देते हैं। ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कठोर और नरम छिलके वाले अंडे देने और बच्चे को जन्म देने की जांच की। इसके लिए वैज्ञानिकों ने 51 जीवाश्म प्रजातियों और 29 जीवित प्रजातियों के अंडे देने का टेस्ट लिया।