चीन के चंद्र मिशन चांग’ई-6 से चांद की मिट्टी के नमूने धरती पर लाए गए। इस मिट्टी में चीन को कुछ दुर्लभ मिला। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
दुनियाभर की स्पेस एजेंसीज़ अंतरिक्ष से जुड़ी अलग-अलग खोजों में लगी रहती हैं। इसी सिलसिले में चीन (China) ने चांद पर चांग’ई-6 (Chang'e-6) मिशन भेजा था। यह मिशन चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम का छठा रोबोटिक मिशन है, जिसे चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) द्वारा संचालित किया गया। यह मानव इतिहास का पहला मिशन था जिसने चंद्रमा के दूर की सतह से नमूने एकत्रित करके पृथ्वी पर वापस लाए गए।
चीन के चंद्र मिशन चांग’ई-6 से धरती पर चांद की मिट्टी के नमूने लाए गए। चांद की मिट्टी के नमूनों की जांच में वैज्ञानिकों को दुर्लभ उल्कापिंड (मीटिओराइट) के टुकड़े मिले हैं।
चीन के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज सौरमंडल में पदार्थों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को समझने में अहम साबित हो सकती है। दुर्लभ उल्कापिंड के जो टुकड़े मिले हैं, वो सीआई कॉन्ड्राइट उल्कापिंडों से मिलते-जुलते हैं। यह धरती पर बेहद दुर्लभ है और अब तक पाए गए कुल उल्कापिंडों का 1% से भी कम हिस्सा बनाते हैं।
ग्वांगझोउ संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार यह खोज इस बात का सबूत है कि बाहरी सौरमंडल से आया पदार्थ भीतरी सौरमंडल तक पहुंच सकता है। इससे चंद्रमा की सतह पर मौजूद पानी की उत्पत्ति को समझने में मदद मिलेगी। साथ ही रिसर्च के नए रास्ते भी खुलेंगे।