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ALERT: हर 30 में से 1 महिला होती है यौन हिंसा की शिकार, चौंकाने वाला खुलासा

UK Sexual Violence : ब्रिटेन में पिछले एक साल में हर 30 में से एक महिला यौन हिंसा का शिकार हुई है। क्रिसमस और नए साल की पार्टियों के बीच बढ़ते खतरे को देखते हुए 'सेरेनिटी सार्क' ने महिलाओं को सतर्क रहने और मदद लेने की अपील की है।

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भारत

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MI Zahir

Dec 21, 2025

Sexual Violence Help

ब्रिटेन में यौन हिंसा के मामले बढ़े। सांकेतिक ( फोटो: AI Generated)

UK sexual assault statistics: दिसंबर का महीना आते ही चारों तरफ क्रिसमस और नए साल के जश्न की धूम मचने लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुशियों के इस मौसम में एक कड़वा सच भी छिपा हुआ है ? आंकड़ों (sexual violence statistics) की मानें तो त्योहारों और पार्टियों के इस दौर में यौन हिंसा अपराध (UK crime news) बहुत बढ़ जाते हैं। ब्रिटेन में हालात यह हैं कि पिछले एक साल के दौरान हर 30 में से एक महिला बलात्कार या यौन उत्पीड़न जैसी जघन्य घटना का शिकार हुई है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए ब्रिटेन के 'यौन उत्पीड़न रेफरल सेंटर' (SARC) के कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं। नॉर्थम्पटन जनरल अस्पताल के परिसर में स्थित 'सेरेनिटी सार्क' (Serenity SARC) समुदाय को लगातार यह संदेश दे रहा है कि "घबराएं नहीं, मदद उपलब्ध है।" यह केंद्र उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्होंने किसी भी तरह का यौन दुर्व्यवहार झेला है।

पार्टियों के बीच क्यों बढ़ता है ऐसा खतरा ?

सेरेनिटी की मैनेजर फे विकेट का कहना है कि त्योहारों के दौरान यौन हिंसा अक्सर अधिक होती है। इसके पीछे की मुख्य वजह लगातार होने वाले सामाजिक समारोह, ऑफिस पार्टियां और पारिवारिक मेल-मिलाप हैं। सुश्री विकेट के अनुसार, "इन समारोहों में कभी-कभी ऐसी स्थितियां बन जाती हैं, जहां लोग यौन हिंसा का शिकार हो जाते हैं, लेकिन कई बार वे तुरंत यह पहचान ही नहीं पाते कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है।"

'सहमति' (Consent) को सुनिश्चित करना है सबसे जरूरी

उन्होंने जोर देकर कहा कि हर किसी को बाहर जाने, दोस्तों से मिलने और जश्न मनाने का पूरा अधिकार है, लेकिन साथ ही 'सहमति' (Consent) को सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। बिना स्पष्ट सहमति के किया गया कोई भी कृत्य कानूनी और नैतिक रूप से अपराध है।

भयमुक्त और गोपनीय सेवा

नॉर्थम्पटनशायर हेल्थकेयर एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट (NHFT) की ओर से संचालित यह सेवा साल 2010 से सक्रिय है। यहां का माहौल किसी सामान्य अस्पताल जैसा तनावपूर्ण नहीं, बल्कि बहुत ही शांत और मैत्रीपूर्ण है। इस केंद्र की मुख्य विशेषताएं:

सुरक्षित वातावरण: यहां बच्चों के लिए खिलौनों वाला 'फैमिली रूम' और टीवी की सुविधा है।

मेडिकल जांच: पीड़ितों के लिए तत्काल चिकित्सा, फोरेंसिक जांच और आपातकालीन गर्भनिरोधक दवाएं उपलब्ध हैं।

गोपनीयता: यहां सबसे बड़ी राहत यह है कि आप अपनी पहचान गुप्त रख सकते हैं। आप चाहें तो पुलिस को शामिल करें या न करें, मदद हर हाल में दी जाती है।

"इसके लिए आप दोषी नहीं हैं"

अक्सर देखा गया है कि यौन हिंसा का शिकार होने के बाद लोग डर या लोक-लाज के कारण रिपोर्ट नहीं करते। उन्हें लगता है कि शायद इस घटना में उनकी भी कोई गलती थी। सुश्री विकेट इस सोच को पूरी तरह गलत बताती हैं। वह कहती हैं, "हमारी टीम यहां एक ऐसा सुरक्षित स्थान प्रदान करती है, जहां आपकी बात सुनी जाती है और आपको पूरा मानसिक व शारीरिक समर्थन दिया जाता है।"

ब्रिटेन में भारतीय समुदाय भी रहे सतर्क

यूनाइटेड किंगडम में भारतीय मूल (Indian Diaspora) के लोग सबसे बड़े जातीय अल्पसंख्यक समूह (Ethnic Minority Group) के रूप में उभरे हैं।

आबादी का गणित: 2021 की जनगणना के अनुसार, केवल इंग्लैंड और वेल्स में ही भारतीय मूल के लोगों की संख्या 18.64 लाख दर्ज की गई थी, जो कुल आबादी का 3.1% है।

कुल उपस्थिति: यदि इसमें स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड को भी जोड़ लिया जाए, तो यूके में भारतीय समुदाय की आबादी लगभग 19 से 20 लाख (2 मिलियन) के करीब है।

बढ़ता प्रवास: 2024-2025 के माइग्रेशन डेटा के अनुसार, भारत से यूके पहुंचने वाले प्रवासियों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। अकेले 2024 में करीब 2.4 लाख लोग भारत से यूके पहुंचे हैं।

चूंकि भारतीय समुदाय वहां की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे का बड़ा हिस्सा है, इसलिए त्योहारों के सीजन में इस समुदाय के युवाओं और महिलाओं को भी सुरक्षा के प्रति विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

याद रखें, सतर्कता ही सुरक्षा है

बहरहाल, यह खबर हमें याद दिलाती है कि पार्टी के माहौल में भी अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना अनिवार्य है। यदि आपके या आपके किसी परिचित के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो चुप्पी तोड़ें और विशेषज्ञों की मदद लें।