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दक्षिण कोरिया में 8 चीनी नागरिकों की नाव पकड़ी गई: अवैध घुसपैठ की कोशिश, मुंबई 26/11 हमलावरों की याद दिलाने वाली घटना

Chinese illegal entry South Korea boat: दक्षिण कोरिया के तट पर 8 चीनी नागरिक नाव से अवैध घुसपैठ की कोशिश करने के दौरान पकड़े गए।

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Oct 06, 2025
दक्षिण कोरिया में 8 चीनी नागरिकों की नाव पकड़ी। (फोटो: एएनआई)

Chinese illegal entry South Korea boat: दक्षिण कोरिया के तट पर एक छोटी नाव में सवार आठ चीनी नागरिकों को अवैध रूप से देश में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। यह घटना समुद्री रास्ते से घुसपैठ की बढ़ती चुनौतियों को उजागर करती है, जो 2008 के मुंबई 26/11 हमलों की याद दिलाती है, जहां पाकिस्तानी आतंकी भी इसी तरह नाव से भारत पहुंचे थे। तटरक्षक बल ने नाव को पकड़ लिया और सभी को हिरासत में ले लिया। आइए, सरल शब्दों में इसकी पूरी कहानी समझते हैं।जानकारी के अनुसार रविवार रात को दक्षिण कोरिया के पश्चिमी तट पर एक संदिग्ध नाव दिखी। तटरक्षक बल को रात 11:38 बजे अलर्ट मिला। सुबह करीब 1:43 बजे, गाउइडो द्वीप से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में नाव को रोक लिया गया। आठ चीनी नागरिक सवार थे, जो मछुआरों का वेश धारण किए हुए थे। नाव पर चार मछली पकड़ने वाली छड़ें, खाना और पानी था। एक यात्री भागने के चक्कर में समुद्र में कूद गया, लेकिन उसे तुरंत बचा लिया। नाव को ताईआन काउंटी के बंदरगाह ले जाया गया।

चीनी नागरिकों का मकसद: नौकरी की तलाश

तटरक्षक बल के अनुसार, यह समूह रविवार सुबह 10 बजे चीन के शेडोंग प्रांत के वेहाई से रवाना हुआ था, जो दक्षिण कोरिया के तट से करीब 300 किलोमीटर दूर है। वे नौकरी की तलाश में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे थे। सभी को आव्रजन नियंत्रण कानून तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार करने का वारंट जारी होगा। यह घटना चीन से अवैध प्रवास की बढ़ती समस्या को दिखाती है।

मुंबई 26/11 से तुलना: समुद्री रास्ते का खतरा

यह घटना 2008 के मुंबई हमलों की याद दिलाती है, जहां लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकी कराची से नाव लेकर समुद्र के रास्ते भारत पहुंचे थे। वे एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव को हाईजैक कर मुंबई उतरे और चार दिनों तक हमले करते रहे, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। आतंकी जीपीएस और हथियारों से लैस थे। दक्षिण कोरिया की यह घटना भी दिखाती है कि छोटी नावों से घुसपैठ आसान हो गई है, जो सुरक्षा के लिए खतरा है।

क्षेत्रीय सुरक्षा पर चिंता

दक्षिण कोरिया में यह घटना चीन की समुद्री गतिविधियों पर सवाल उठाता है। तटरक्षक बल ने सतर्कता बढ़ा दी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अवैध प्रवास के साथ-साथ जासूसी का डर भी है। ताइवान की रिपोर्ट्स में चीनी जहाजों के फर्जी सिग्नल भेजने का जिक्र है, जो संज्ञानात्मक युद्ध का हिस्सा लगता है। वैश्विक स्तर पर समुद्री सीमाओं की निगरानी मजबूत करने की मांग हो रही है।

चीनी जहाजों की संदिग्ध गतिविधियां

पिछले महीनों में ताइवान जलडमरूमध्य में चीनी मछली पकड़ने वाली नाव 'मिन शि यू 06718' ने फर्जी एआईएस सिग्नल भेजे, एक रूसी युद्धपोत और एक चीनी कानून प्रवर्तन पोत की नकल की। स्टारबोर्ड मैरीटाइम इंटेलिजेंस के आंकड़ों से यह तथ्य सामने आया। अगस्त-सितंबर 2025 में ऐसी कई घटनाएं हुईं। यह परीक्षण जैसा लगता है, जो ताइवान की प्रतिक्रिया जांच रहा है। दक्षिण कोरिया और जापान भी ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

भारत के लिए समुद्री सुरक्षा का सबक

भारत के लिए यह घटना चेतावनी है। 26/11 के बाद भारत ने तटीय सुरक्षा मजबूत की, लेकिन समुद्र से घुसपैठ अभी भी खतरा है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में निगरानी बढ़ानी होगी। चीन-पाकिस्तान के CPEC से समुद्री खतरे बढ़ सकते हैं। भारत को नौसेना और तटरक्षक बल को दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रों में और सशक्त बनाना चाहिए।(एएनआई)

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