म्यांमार में घरेलू संघर्ष की स्थिति काफी समय से बरकरार है। चिन प्रांत में दो गुटों के बीच पिछले एक हफ्ते से जंग गंभीर हो गई है और इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों को भारत में शरण लेनी पड़ी है।
भारत (India) के पडोसी देश म्यांमार (Myanmar) में पिछले कई सालों से घरेलू संघर्ष चल रहा है। देश में कई विद्रोही गुट सक्रिय हैं और समय-समय पर म्यांमार की सेना से या एक-दूसरे से संघर्ष करते रहते हैं। ऐसा ही फिलहाल म्यामांर के चिन प्रांत में दो सशस्त्र गुटोंं के बीच पिछले एक हफ्ते से देखने को मिल रहा है। इन दोनों गुटों के बीच भीषण जंग चल रही है, जो काफी गंभीर हो गई है। इससे प्रांत में स्थिति भी बिगड़ गई है।
म्यांमार के चिन प्रांत में दो गुटों के बीच चल रही जंग की वजह से म्यांमार के करीब 3,000 लोगों ने भारत में शरण ली है। इन लोगों ने जान बचाने के लिए बॉर्डर से लगे भारतीय राज्य मिजोरम (Mizoram) के चम्फाई (Champhai) जिले में शरण ली है।
चम्फाई के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार मिजोरम की सीमा से लगे म्यांमार के ख्वामावी और रिहखवदर गांवों के करीब 3,000 लोगों ने शनिवार सुबह से जोखावथर गांव में शरण ली और सोमवार तक भी कई लोग अपनी जान बचाने के लिए भारत आए। शरणार्थियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अधिकांश विस्थापित लोग जोखावथर में अपने रिश्तेदारों के पास पहुंच गए हैं। अन्य लोगाें को सामुदायिक हॉल में शरण दी गई है और उन्हें लोग भोजन और आवश्यक वस्तुएं मुहैया करा रहे हैं।
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा (Lalduhoma) के राजनीतिक सलाहकार लालमुआनपुइया पुंते ने जोखावथर का दौरा किया और दोनों गुटों के नेताओं से मिलने के लिए म्यांमार के चिन प्रांत भी गए। उन्होंने पुष्टि की कि ज़्यादातर शरणार्थियों ने जंग बढ़ने के डर से म्यांमार लौटने से इनकार कर दिया है।