आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब हायरिंग, परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग और टर्मिनेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यस्थल के फैसले ले रहा है। इसके चलते अब कर्मचारियों में असुरक्षा बढ़ रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके चलते 2030 तक बड़ी संख्या में नौकरियों ऑटोमेट हो सकती है।
एआई अब कार्यस्थलों पर हायरिंग, परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग और यहां तक कि फायरिंग के फैसले लेने लगा है। दुनिया भर में कंपनियां एआई टूल्स का इस्तेमाल कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी ट्रैक करने और कम परफॉर्मेंस पर एक्शन लेने के लिए कर रही हैं। न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कर्मचारी एआई से हायर और फायर हो चुके हैं, जो कार्यस्थल को डीह्यूमनाइज कर रहा है। अमरीका में 66% मैनेजर्स लेऑफ और टर्मिनेशन के लिए एआई टूल्स की सलाह लेते हैं। रिज्यूम बिल्डर सर्वे 2025 बताता है कि आधे मैनेजर्स प्रमोशन, रेज और फायरिंग में एआई का इस्तेमाल करते हैं। कहने का मतलब है कि आने वाले दिनों में एचआर और मैनेजर के रोल बदल जाएंगे।
दुनिया के उदाहरणों में अमेजन ने प्रोडक्टिविटी कोटा न पूरा करने पर सैकड़ों वर्कर्स को ऑटोमेटिक फायर किया। आईबीएम ने एआई से एचआर टास्क ऑटोमेट कर सैकड़ों जॉब्स रिप्लेस कीं। मैकिंजी रिपोर्ट कहती है कि 2030 तक 30% जॉब्स ऑटोमेट हो सकते हैं, लेकिन नई स्किल्स वाली जॉब्स भी बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कानूनी चुनौतियां और बायस की समस्या से सावधानी जरूरी।
अमेरिकी कंपनी एमेजॉन ने अपने फुलफिलमेंट सेंटर्स में एआई सिस्टम इस्तेमाल कर सैकड़ों कर्मचारियों को प्रोडक्टिविटी कोटा न पूरा करने पर ऑटोमेटिक फायर कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, एआई लगातार मॉनिटरिंग करता था और कम परफॉर्मेंस पर बिना ह्यूमन रिव्यू के टर्मिनेशन नोटिस भेजता था। इससे कर्मचारी असुरक्षित महसूस करते थे। कंपनी ने कहा कि कोचिंग दी जाती है, लेकिन एआई डेटा पर आधारित फैसले तेज होते हैं। यह मामला एआई के डीह्यूमनाइजिंग इफेक्ट को हाइलाइट करता है।
एआई कंसल्टेंट रूस वैन डेर जगत ने न्यूजवीक को बताया कि वे एआई से हायर और फिर फायर हुए। कंपनी में एआई मैनेजर परफॉर्मेंस ट्रैक करता था और फैसले लेता था। इसी तरह, एक क्यूए टेस्टर ने बताया कि एआई टीम में काम करते हुए एआई एचआर ने उन पर एथिक्स कंप्लेंट फाइल की। 2025 रिपोट्र्स में ऐसे केस बढ़े, जहां एआई प्रदर्शन डेटा से कम प्रोडक्टिविटी पर फायरिंग सुझाता है।
मैकिंजी और वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम रिपोर्ट्स अनुमान लगाती हैं कि 2030 तक 30-40% जॉब्स एआई से प्रभावित होंगी, कई में एआई मैनेजमेंट रोल निभाएगा। आईडीसी का अनुमान है कि 80% बड़ी कंपनियां डिजिटल मैनेजर्स इस्तेमाल करेंगी। हालांकि, एआई मानव को पूरी तरह रिप्लेस नहीं करेगा, बल्कि सपोर्ट करेगा। चुनौतियां जैसे बायस, प्राइवेसी और जॉब लॉस से कानूनी बदलाव जरूरी होगा।
2025 के सर्वे में 66% मैनेजर्स लेऑफ डिसिजन में एआई की मदद लेते हैं। आईबीएम ने एआई से एचआर टास्क ऑटोमेट कर सैकड़ों जॉब्स बदलीं, लेकिन प्रोडक्टिविटी गेन भी हासिल किया। रिज़्यूमे बिल्डर रिपोर्ट कहती है कि आधे मैनेजर्स परफॉर्मेंस इवैल्यूएशन और टर्मिनेशन में एआई यूज करते हैं। यह ट्रेंड बढ़ रहा, लेकिन 57% कर्मचारी ह्यूमन मैनेजर पसंद करते हैं।