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AI ने बदल दी शॉपिंग की परिभाषा: एआई वॉयस शॉपिंग में टॉप-3 में राजस्थान

जयपुर. भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। चाहे किराना सामान हो, फैशन हो या इलेक्ट्रॉनिक्स अब उपभोक्ताओं को बस एआई असिस्टेंट को अपनी जरूरत बतानी है। सिस्टम बाकी सब संभाल लेगा। उत्पादों की खोज से लेकर कीमतों की तुलना, और सुरक्षित भुगतान तक। यह व्यस्त उपभोक्ताओं के लिए समय और […]

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Dec 09, 2025

जयपुर. भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। चाहे किराना सामान हो, फैशन हो या इलेक्ट्रॉनिक्स अब उपभोक्ताओं को बस एआई असिस्टेंट को अपनी जरूरत बतानी है। सिस्टम बाकी सब संभाल लेगा। उत्पादों की खोज से लेकर कीमतों की तुलना, और सुरक्षित भुगतान तक। यह व्यस्त उपभोक्ताओं के लिए समय और मेहनत की बचत करता है। 2025 में यह क्रांति जोर पकड़ रही है, जहां एआई न केवल खरीदारी को आसान बना रहा है, बल्कि व्यक्तिगत और तेज अनुभव प्रदान कर रहा है।
एआई शॉपिंग क्रांति भारत को वैश्विक लीडर बना रही है, जहां खरीदारी अब 'मोमेंट्स' पर आधारित है—न कि सर्च पर। व्यस्त जीवन में यह समय बचाता है, पर्सनलाइज्ड अनुभव देता है, और अर्थव्यवस्था को बूस्ट करता है। खास बात ये है कि ये क्रांति सिर्फ अमीरों की नहीं छोटे शहरों की दुकानों और आम लोगों की जिंदगी बदलने वाली है।

राजस्थान टॉप-3 में

2025 की रिपोर्ट में राजस्थान देश के उन तीन राज्यों में है जहां एआई वॉयस शॉपिंग सबसे तेज बढ़ रही है। कोटा-बीकानेर के स्टूडेंट्स और गांव की महिलाएं सबसे ज्यादा "बोलकर खरीदो" फीचर इस्तेमाल कर रही हैं।

एआई-संचालित शॉपिंग क्या है?

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) शॉपिंग का मतलब है कि मशीन लर्निंग और जनरेटिव एआई जैसी तकनीकों का उपयोग करके शॉपिंग प्रक्रिया को स्वचालित और बुद्धिमान बनाना। उपयोगकर्ता बस अपनी पसंद बताते हैं—जैसे "मुझे हल्का लैपटॉप चाहिए जो ट्रैवल के लिए हो"—और एआई तुरंत सुझाव देता है, कीमतें तुलना करता है, और भुगतान पूरा कर देता है। भारत में, जहां 800 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं और 600 मिलियन स्मार्टफोन हैं, यह मोबाइल-फर्स्ट अनुभव पर केंद्रित है। प्लेटफॉर्म जैसे ग्लांस एआई लॉक स्क्रीन पर ही विजुअल डिस्कवरी और वॉयस कॉमर्स प्रदान कर रहे हैं, जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों के यूजर्स आसानी से जुड़ पा रहे हैं।

भारत में इस क्रांति के प्रमुख पहलू

वॉयस और मल्टीलिंगुअल सपोर्ट: भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए, एआई असिस्टेंट हिंदी, तमिल, बंगाली, मराठी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में काम करते हैं। अब टाइपिंग की जरूरत नहीं—बस बोलो और ऑर्डर कर दो। 2025 में वॉयस कॉमर्स का बाजार 1.57 बिलियन डॉलर से बढक़र 2030 तक 7.47 बिलियन डॉलर हो जाएगा।

हाइपर-पर्सनलाइजेशन: एआई उपयोगकर्ता के पिछले व्यवहार, पसंद और लोकेशन के आधार पर सिफारिशें देता है। एक सर्वे के अनुसार, 49% भारतीय शॉपर्स ऐसे ब्रांड्स से ज्यादा खरीदते हैं जो एआई-आधारित टेलर्ड सुझाव देते हैं। फेस्टिव सीजन 2025 में, 79% उपभोक्ता एआई सिफारिशों पर निर्भर हैं, और औसत खर्च 23,000 रुपए से अधिक होने का अनुमान है।

कीमत तुलना और स्मार्ट डील्स: एआई रीयल-टाइम में विभिन्न प्लेटफॉर्म्स की कीमतें चेक करता है और सबसे अच्छा डील सुझाता है। ब्लैक फ्राइडे और साइबर मंडे जैसे मेगा सेल्स में 77% अर्बन शॉपर्स एआई का उपयोग करेंगे।

सुरक्षित भुगतान और चेकआउट: एआई फ्रॉड डिटेक्शन के साथ यूपीआई, कार्ड या वॉलेट से तुरंत पेमेंट करता है। कैशियर-लेस स्टोर्स भी आ रहे हैं, जहां एआई स्कैन करके बिल जनरेट करता है।

विजुअल और मल्टीमॉडल सर्च: सेल्फी अपलोड करो, एआई फैशन लुक जनरेट कर देगा। या इमेज सर्च से प्रोडक्ट ढूंढो यह जेनरेशनल एआई से संभव है।