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मुस्लिम बहुल द्वीप पर सबसे भयानक तूफान ‘चिडो’ ने मचाई तबाही, सैकड़ों लोगों की मौत, हजार के पार हो सकता है आंकड़ा

Chido Cyclone: चिडो चक्रवाती तूफान से सैकड़ों लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है। वहीं फ्रांस के एक और मीडिया ने मरने वालों की संख्या 1000 पार जाने की संभावना जताई है।

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Cyclone Chido hits France Mayotte Hundreds Dead

Chido Cyclone in Mayotte: फ्रांस के मुस्लिम बहुल मायोट द्वीप पर इतिहास का सबसे भयानक चक्रवाती तूफान चिडो आया है। जिसने इस द्वीप तो तबाह कर दिया। इसकी वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और तो और ये संख्या 1000 पार जाने की भी आशंका जताई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अल जजीरा ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि फ्रांस (France) के इस द्वीप पर मरने वालों की संख्या हजारों में हो सकती है। उन्होंने कहा कि वे इसका कोई निश्चित आंकड़ा नहीं दे सकते।


वहीं फ्रांस के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि इस समय सभी पीड़ितों का हिसाब देना मुश्किल होगा। पहले अधिकारियों ने कम से कम 11 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। इधर मौसम पूर्वानुमानकर्ता मेटियो फ्रांस ने कहा कि चक्रवात ‘चिडो’ हिंद महासागर में फ्रांसीसी क्षेत्र से होकर गुजरा है जिससे 200 किमी/घंटा से ज्यादा की रफ्तार से हवाएं चलीं जिससे अस्थायी आवास, सरकारी इमारतों और एक अस्पताल को नुकसान पहुंचा है।

फ्रांस 24 की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मायोट में चक्रवात चिडो के गुजरने से मरने वालों की संख्या हज़ारों में हो सकती है। इधर क्योंकि फ्रांस ने बचाव कर्मियों और आपूर्ति को रवाना कर दिया है।

बेहद गरीब है ये द्वीप, मूलभूत सुविधाएं तक नहीं

बता दें कि पेरिस से लगभग 8,000 किमी दूर स्थित, मुस्लिम बहुल मायोट द्वीपसमूह फ्रांस के बाकी हिस्सों की तुलना में काफी गरीब है और दशकों से हिंसा और सामाजिक अशांति से जूझ रहा है। यहां का स्थानीय प्रशासन और लोग फ्रांस पर इस द्वीप की अनदेखी और यहां की मूलभूत सुविधाओं तक को देने में कोताही का आरोप लगाते रहे हैं। एक बड़ा कारण ये भी है कि इस द्वीप पर इतने बड़े स्तर पर तबाही मची है।

यूरोपीय संघ करेगा मदद

इसी बीच इन हालातों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने फ्रांस को अपना समर्थन देने को कहा है। उधर फ्रांसीसी आंतरिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में मौतें होने के बाद हालात और भी ज्यादा कठिन हो सकते हैं। क्योंकि मायोट एक मुस्लिम भूमि है। यहां मृतकों को 24 घंटे के भीतर दफना दिया जाता है। मरने वालों की संख्या का पता लगाने में कई दिन लग सकते हैं।

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