Deadly Monsoon In Pakistan: पाकिस्तान में इस बार भी मानसून ने हाहाकार मचा दिया है। मूसलाधार बारिश और इसकी वजह से आई बाढ़ और लैंडस्लाइड्स के कारण देश के कई हिस्सों में हड़कंप मच गया है। इस वजह से जान-माल का काफी नुकसान हो गया है।
पाकिस्तान (Pakistan) में हर बार मानसून की वजह से काफी तबाही मचती है और इस साल भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। देश के कई हिस्सों में मानसून ने कहर बरपा दिया है और अभी भी यह सिलसिला खत्म नहीं हुआ है। इस वजह से पाकिस्तानी जनता का बुरा हाल है। उत्तरपश्चिमी पाकिस्तानम, जैसे खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके प्रांतों में तो मानसून की बारिश आफत बनकर बरसी है। मूसलाधार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ और लैंडस्लाइड्स ने देश के कई हिस्सों में हाहाकार मचा दिया है। मानसून की इस तबाही से कई घर तहस-नहस हो गए हैं। कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। सड़कों में गड्ढे हो गए हैं तो कई जगह तो पूरी की पूरी सड़कें ही धंस गई हैं। कई व्हीकल्स भी बाढ़ में बह गए। स्कूल-कॉलेज और ऑफिस जाने में भी लोगों को परेशानी हो रही है। उड़ानें, रेलवे और सड़क यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
पाकिस्तान की सरकारी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार देश में मानसून की वजह से 26 जून से अब तक आई मूसलाधार बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड्स के चलते मरने वालों का आंकड़ा 800 पार कर गया है। एनडीएमए के अनुसार मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका बनी हुई है और यह आंकड़ा 1,000 भो पहुंच सकता है।
एनडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार मानसून के असर की वजह से पाकिस्तान में 26 जून से अब तक 1,000 से ज़्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इनमें मूसलाधार बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड्स की वजह से घायल हुए मामले शामिल हैं। घायलों का आंकड़ा भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
पाकिस्तान में बारिश-बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनता का बुरा हाल हो गया है। इस वजह से हज़ारों लोग विस्थापित हो गए हैं।
पाकिस्तान ने मानसून से मची तबाही के बीच भारत पर गंभीर आरोप लगाया है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि भारत ने मानसून के दौरान बिना सूचना दिए अपनी नदियों से पानी छोड़ा, जिसके कारण पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई। हालांकि पाकिस्तान का यह आरोप पूरी तरह से झूठा है, क्योंकि भारत ने इन नदियों ने जलस्तर बढ़ने के कारण पानी छोड़ने की सूचना पहले ही पाकिस्तान को दे दी थी।