अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के पेट्रोलियम बिज़नेस से जुड़ी 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। हालांकि ट्रंप के इस फैसले से सिर्फ ईरानी कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि भारतीय कंपनियों पर भी असर पड़ा है। कैसे? आइए जानते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जब से एक बार फिर अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति बने हैं, पूरी तरह से एक्शन मोड में हैं। ट्रंप सरकार 2.0 को अभी एक महीना ही हुआ है, लेकिन ट्रंप तेज़ी से बड़े फैसले ले रहे हैं। चाहे देश से जुड़े फैसले हो, या अंतर्राष्ट्रीय फैसले, अमेरिकी राष्ट्रपति पीछे नहीं हट रहे हैं। हाल ही में ट्रंप ने ऐसा ही एक और फैसला लिया है, जिसका उद्देश्य ईरान (Iran) को कमज़ोर करना है।
लंबे समय से ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। राष्ट्रपति कोई भी क्यों न हो, अमेरिका की ईरान के प्रति हमेशा आक्रामक नीति ही रही है। ट्रंप भी ईरान विरोधी हैं और इसी वजह से ईरान को झटका देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बड़ा फैसला लिया है। ट्रंप ने 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि इससे ईरान को झटका कैसे लगेगा? दरअसल ए 16 कंपनियाँ, ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी हुई हैं।
प्रतिबंध के ज़रिए अमेरिका, ईरान की अर्थव्यवस्था को और कमज़ोर करना चाहता है। तेल उत्पादन के मामले में ईरान विश्व के टॉप 10 देशों में शामिल है। तेल उत्पादन और इसके सप्लाई की ईरान की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अमेरिका, ईरान के तेल की सप्लाई को कम करते हुए उसे कमज़ोर करना चाहता है। अमेरिका के अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि इन कंपनियों के ज़रिए ईरान, एशिया (Asia) में अपने तेल को बेचता है, जिसके लिए अवैध शिपिंग नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रंप इस अवैध शिपिंग नेटवर्क को तोड़ना चाहते हैं।
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ट्रंप के इस फैसले से भारत (India) की 4 कंपनियों को भी झटका लगेगा। बीएसएम मरीन एलएलपी, ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी और कॉसमॉस लाइन्स इंक नाम की 4 भारतीय कंपनियाँ भी ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी हुई हैं। भारत और ईरान के बीच मज़बूत संबंध हैं और दोनों देशों के बीच अच्छी व्यापारिक पार्टनरशिप के चलते ही ये 4 भारतीय कंपनियाँ ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ के साथ हैं, लेकिन अब ट्रंप के लगाए हुए प्रतिबंध का असर इन भारतीय कंपनियों पर भी पड़ेगा। हालांकि भारत की तरफ से अब तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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