7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Elon Musk के ईमेल से सरकारी वर्कर्स परेशान, विवाद के बीच FBI चीफ Kash Patel ने अपने डिपार्टमेंट को दिया यह आदेश..

Elon Musk's Email Controversy: एलन मस्क का एक ईमेल अमेरिका में सरकारी वर्कर्स की परेशानी का कारण बना हुआ है। क्या है वो ईमेल, जिसके विवाद में अब एफबीआई के नए चीफ काश पटेल भी आगे आ गए हैं? आइए जानते हैं पूरा मामला।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Tanay Mishra

Feb 24, 2025

Kash Patel and Elon Musk

Kash Patel and Elon Musk

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दूसरी बार अमेरिका (United States Of America) का राष्ट्रपति बनते ही देश में सरकारी वर्कर्स की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल अमेरिका में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी ऑफिस नहीं जाते हैं और ट्रंप इसके सख्त खिलाफ हैं। ऐसे में ट्रंप ने यह आदेश भी निकाला है कि देश में सभी संघीय सरकारी कर्मचारियों के लिए हफ्ते में 5 दिन ऑफिस जाना ज़रूरी है। ट्रंप बड़े लेवल पर देश में संघीय सरकारी कर्मचारियों की छंटनी भी करने की तैयारी में हैं। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका में संघीय कर्मचारियों पर काफी फिजूल खर्चा किया जाता है, जो गलत है। देश में फिजूल खर्च को रोकने के लिए ट्रंप ने अपने खास मददगार एलन मस्क (Elon Musk) को ज़िम्मेदारी दी है। एलन ऐसा कर भी रहे हैं, लेकिन उनका एक ईमेल अमेरिका में संघीय सरकारी वर्कर्स की परेशानी की वजह बना हुआ है।

क्या है मस्क का ईमेल जो बना संघीय सरकारी वर्कर्स की परेशानी की वजह?

ट्रंप की सरकार द्वारा समर्थित नए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (Department Of Government Efficiency – DOGE), जिसे मस्क लीड कर रहे हैं के तहत मस्क देश के संघीय सरकारी वर्कर्स को उनके काम का ब्यौरा देने का ईमेल भेज रहे हैं। मस्क के इस ईमेल में सभी संघीय सरकारी वर्कर्स से उनके द्वारा पिछले हफ्ते किए गए उनके काम का ब्यौरा 5 पॉइंट्स में पूछा जा रहा है। इस ब्यौरे में वर्गीकृत जानकारी, लिंक या अटैचमेंट भेजने से मना किया गया है और ईमेल का जवाब देने की डेडलाइन सोमवार को रात 11 बजकर 59 मिनट तक है। मस्क की तरफ से यूएस ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट में अमेरिकी संघीय सरकारी वर्कर्स को यह ईमेल भेजा है।

यह भी पढ़ें- कोहली की शानदार बल्लेबाजी का मुरीद हुआ पाकिस्तानी मीडिया, लिखा – “भारत की जीत में एक बार फिर चमके विराट”

क्यों छिड़ा विवाद?

मस्क का मानना है कि जो संघीय सरकारी वर्कर्स उनके इस ईमेल का जवाब नहीं दे सकते, उन्हें नौकरी पर नहीं रहना चाहिए। मस्क का मानना है कि जो लोग अपने काम का ब्यौरा नहीं दे सकते, वो सिर्फ फिजूल की सैलरी ले रहे हैं और देश की वर्कफोर्स पर बोझ है। ऐसे में मस्क का इशारा ऐसे लोगों को नौकरी से निकालने की ओर है। इसी वजह से यह ईमेल विवाद की वजह बना हुआ है।

काश पटेल ने अपने डिपार्टमेंट को दिया यह आदेश..

इस विवाद के बीच एफबीआई (FBI) के चीफ काश पटेल (Kash Patel), जो ट्रंप के खास हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा ही चुने गए हैं, ने अपने डिपार्टमेंट को एक आदेश दिया है। पटेल ने अपने डिपार्टमेंट में काम करने वाले लोगों को ईमेल भेजा है, "एफबीआई, ऑफिस ऑफ डायरेक्टर के ज़रिए, अपनी सभी रिव्यू प्रोसेस के लिए प्रभारी है। एफबीआई अपनी प्रक्रिया के अनुसार ही रिव्यू का काम करेगा। इसलिए अगले आदेश तक दूसरे किसी भी ईमेल पर कोई प्रतिक्रिया न दे।"

इस ईमेल के ज़रिए पटेल ने अपने डिपार्टमेंट में काम करने वालों को मस्क के ईमेल को नज़रअंदाज़ करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि दोनों ही ट्रंप के खास हैं और ऐसे में पटेल का इस तरह अपने डिपार्टमेंट के वर्कर्स को मस्क के ईमेल का जवाब देने के लिए मना करना कुछ हद तक हैरान करने वाली बात है।

यह भी पढ़ें- रूस-यूक्रेन युद्ध को 3 साल हुए पूरे, अब तक दोनों देशों को जान-माल का हुआ भारी नुकसान