
Russia-Ukraine War completes 3 years
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध की आज तीसरी वर्षगांठ है। 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए इस युद्ध को आज, 24 फरवरी, 2025 को तीन साल पूरे हो गए हैं। तीन साल पहले जब रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू हुआ था तब किसी ने इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि दोनों देशों के बीच यह युद्ध इतना लंबा चलेगा। हर किसी को लगा था कि कुछ दिन में ही रूस इस युद्ध को जीतकर यूक्रेन पर कब्ज़ा जमा लेगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के प्लान के अनुसार कुछ दिन में ही रूसी सेना, यूक्रेन के खिलाफ इस युद्ध को जीत लेती। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और पुतिन का प्लान कामयाब नहीं हुआ। यह युद्ध अब तक जारी है और लगातार मिले इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से यूक्रेनी सेना अभी भी रूसी सेना के सामने डटी हुई है। हालांकि इस युद्ध की वजह से अब तक भीषण तबाही मची है। दूसरे विश्व युद्ध (World War II) के बाद से अब तक का यह सबसे बड़ा युद्ध है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर एक बार फिर जानना ज़रूरी है कि आखिर दोनों देशों के बीच यह खतरनाक युद्ध शुरू क्यों हुआ था? दरअसल रूस और यूक्रेन, एक-दूसरे के पड़ोसी देश हैं। दोनों देशों की बॉर्डर एक-दूसरे से लगती है। ऐसे में यूक्रेन को काफी समय से रूस से खतरा महसूस होता था। एक समय रूस और यूक्रेन सोवियत संघ (Soviet Union) का ही हिस्सा थे। यूक्रेन को अक्सर इस बार का डर सताता था कि किसी दिन रूस, उन पर हमला कर सकता है। ऐसे में सुरक्षा की वजह से यूक्रेन नाटो (NATO) का सदस्य देश बनना चाहता था, लेकिन रूस इसके खिलाफ था। पुतिन नहीं चाहते थे कि उनके देश की बॉर्डर पर नाटो के सैनिकों की तैनाती हो। हालांकि यूक्रेन भी नाटो में शामिल होने की बात पर अड़ा रहा। ऐसे में पुतिन ने अपनी सेना को यूक्रेन को घेरते हुए हमला करने का आदेश दे दिया और इस युद्ध की शुरुआत हुई।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस युद्ध से दोनों देशों को ही नुकसान हुआ है। रूसी हमलों की वजह से कई यूक्रेनी शहरों में भारी तबाही मच चुकी है। कई घर और इमारतें तबाह हो चुके हैं। इस युद्ध में भारी मात्रा में हथियारों, मिसाइलों, गोला-बारूद का इस्तेमाल किया गया है और वो भी दोनों देशों की तरफ से। यूक्रेन को कई देशों की तरफ से सैन्य सहायता मिली है, जिसका इस युद्ध में इस्तेमाल किया है। दोनों देशों की तरफ से इन हथियारों पर पानी की तरह पैसा बहाया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध की वजह से अब तक यूक्रेन में 12,600 से ज़्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं और 29,000 से ज़्यादा नागरिक घायल हो चुके हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि मरने वालों और घायलों का आंकड़ा इससे ज़्यादा हो सकता है।
इस युद्ध की वजह से वेस्टर्न रूस में करीब 400 लोग मारे गए हैं और क्रीमिया (Crimea) में करीब 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीँ अगर सेना को हुआ नुकसान पर गौर किया जाए, तो इसको लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स के अलग-अलग आंकड़े हैं।
अमेरिका का दावा है कि इस युद्ध में अब तक यूक्रेन के 57,500 से ज़्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं और 2,50,000 से ज़्यादा घायल हो चुके हैं। यूक्रेनी रिपोर्ट के अनुसार अब तक इस युद्ध में उनके लगभग 45,100 सैनिक मारे जा चुके हैं, 3,90,000 सैनिक घायल हो चुके हैं, 59,000 सैनिक लापता हैं और 8,000 सैनिकों को दुश्मन ने पकड़ लिया है। वहीं रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस युद्ध में अब तक करीब 10,00,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं और घायल हुए हैं।
वहीं बात अगर रूसी सेना की करें, तो यूक्रेनी सेना के अनुसार इस युद्ध में अब तक 1,98,000 रूसी सैनिक मारे गए हैं और 5,50,000 से ज़्यादा सैनिक घायल हुए हैं। अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध में अब तक मरने वाले और घायल होने वाले रूसी सैनिकों का आंकड़ा 7,00,000 से ज़्यादा है। वहीं रूसी मीडिया के अनुसार इस युद्ध में अब तक उनकी सेना के मारे गए सैनिकों का आंकड़ा 1,67,194 से 2,34,669 के बीच है।
रूसी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध में रूस की समर्थक लोकल सेनाओं के करीब 13,620 से 19,952 सैनिक मारे गए हैं। वहीँ बात अगर नॉर्थ कोरियाई सेना को करें, तो नॉर्थ कोरिया के अनुसार रूस की तरफ से लड़ते हुए अब तक 300 से ज़्यादा नॉर्थ कोरियाई सैनिक मारे जा चुके हैं, 2,700 सैनिक घायल हुए हैं और 2 सैनिक पकड़े गए हैं। हालांकि वेस्टर्न मीडिया के अनुसार इस युद्ध में रूस की मदद करते हुए अब तक 1,000 नॉर्थ कोरियाई सैनिक मारे गए हैं, 3,000 घायल हुए हैं और 2 पकड़े गए हैं।
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को तीन साल पूरे होने पर सभी के मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि यह युद्ध आगे क्या मोड़ ले सकता है? दुनियाभर के कई देश इस युद्ध को खत्म करने की मांग उठा चुके हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कई बार कह चुके हैं कि यह दौर युद्ध का नहीं, बल्कि शांति का है। पीएम मोदी दोनों देशों के नेताओं को शांति से बात करते हुए इस युद्ध का समाधान निकालने की बात कह चुके हैं। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भी इस युद्ध की समाप्ति को ज़रूरी बता चुके हैं। ट्रंप ने इस विषय में पुतिन के साथ ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की (Volodymyr Zelenskyy) से भी बात की है और यह भी बताया है कि वह जल्द ही पुतिन से मुलाकात करेंगे। ज़ेलेन्स्की भी ट्रंप से मुलाकात की इच्छा जता चुके हैं। पुतिन और ज़ेलेन्स्की, दोनों ही इस युद्ध को खत्म करने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन साथ ही यह भी कह चुके हैं कि दोनों अपनी आधारभूत शर्तों से पीछे नहीं हटेंगे।
व्हाइट हाउस (White House) प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अगले हफ्ते की शुरुआत में क्रेमलिन के साथ समझौता करके रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करा सकते हैं। इस मामले में ट्रंप, ज़ेलेन्स्की के साथ यूक्रेनी खनिजों से संबंधित डील पर भी काम कर रहे हैं। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि अगले हफ्ते दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध का अंत होगा या नहीं, लेकिन ट्रंप और उनका प्रशासन इसकी कोशिशों में लगे हुए हैं।
Updated on:
24 Feb 2025 02:26 pm
Published on:
24 Feb 2025 12:24 pm
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