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डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण की सुरक्षा पर खर्च होंगे 70 करोड़, प्राइवेट कंपनी को दी गई ज़िम्मेदारी

Donald Trump Inauguration Security: डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अब कुछ घंटे ही बाकी हैं। दुनियाभर में यह कार्यक्रम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर भी काफी बातें हो रही है, क्योंकि यह एक बेहद ही अहम मुद्दा है और ट्रंप की जान लेने की कोशिश पहले भी की जा चुकी है।

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Donald Trump's Inauguration

अमेरिका (United States Of America) के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की शपथ ग्रहण में अब सिर्फ कुछ घंटे ही बाकी हैं। ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। 20 जनवरी को ट्रंप देश की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में कैपिटल रोटुंडा में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कई ग्लोबल लीडर्स को भी न्यौता भेजा गया है। ट्रंप की शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की तैयारियाँ जोरों-शोरों से चल रही हैं। हर चीज़ पर काफी ध्यान दिया जा रहा है, जिनमें सुरक्षा भी अहम मुद्दा है।

प्राइवेट कंपनी को सौंपी गई ज़िम्मेदारी

ट्रंप की शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को सौंपी गई है। जानकारी के अनुसार आर्कस ग्रुप एलएलसी (Arcus Group LLC) नाम की प्राइवेट कंपनी को ट्रंप की शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। संघीय दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है।



सुरक्षा पर होंगे 70 करोड़ खर्च

संघीय दस्तावेजों से पता चला है कि ट्रंप की शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की सुरक्षा पर भारी राशि खर्च होगी। आर्कस ग्रुप एलएलसी को इस कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए 8.1 मिलियन डॉलर्स का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, जिसकी भारतीय करेंसी में वैल्यू करीब 70 करोड़ रुपये है। यह खर्चा सरकार की तरफ से ही किया जाएगा।

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प्राइवेट कंपनी को क्यों दिया गया सुरक्षा का कॉन्ट्रैक्ट?

आर्कस ग्रुप एलएलसी को ट्रंप की शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपने के साथ ही इस बारे में भी चर्चा शुरू हो गई है कि सरकारी खर्चे पर ऐसा क्यों किया जा रहा है? एक प्राइवेट कंपनी को यह ज़िम्मेदारी क्यों सौंपी जा रही है? इसकी सबसे बड़ी वजह है कार्यक्रम पर खतरे की आशंका। दरअसल एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर जानलेवा हमला हो चुका है। शूटर को मार गिराया गया था, लेकिन उसकी गोली ट्रंप के कान को छूते हुए निकली थी, जिससे ट्रंप लहूलुहान हो गए थे। ट्रंप की जान लेने की कोशिश एक बार फिर की गई थी, जब गोल्फ खेलने के दौरान एक हत्यारा उन्हें मारने की तैयारी में था। हालांकि इस साजिश को पहले ही नाकाम कर दिया गया था। ऐसे में शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान ट्रंप की सुरक्षा से लेकर कोई जोखिम नहीं लिया जा सकता और इसी बात को ध्यान में रखते हुए आर्कस ग्रुप एलएलसी को सुरक्षा का कॉन्ट्रैक्ट सौंपा गया है।

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