अमेरिका की यूक्रेन नीति में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका अब रूस के भीतर लंबी दूरी के ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों पर खुफिया जानकारी यूक्रेन को प्रदान करेगा। यह बदलाव राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
अमेरिका की यूक्रेन को लेकर नीति में अब यू-टर्न साफ दिखने लगा है। कई मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि अमेरिका अब रूस के भीतर स्थित लंबी दूरी के ऊर्जा के बुनियादी ढांचा लक्ष्यों के बारे में खुफिया जानकारी उपलब्ध कराएगा, जिससे उन्हें यूक्रेन के द्वारा निशाना बनाया जा सके।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन नीति में परिवर्तन का यह पहला उदाहरण होगा। इसके पहले ट्रंप ने सितंबर के अंत में सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी कि यूक्रेन रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों को वापस जीत सकता है। तभी से यह कयास तेज थे अमरीका अब अपनी यूक्रेन नीति बदल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट में अमेरिकी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बयान से पहले ही अमेरिकी नीति में चुपचाप बदलाव कर दिया गया था और वाइट हाउस चाहता था कि नाटो सहयोगी भी ऐसा ही करें।
बहरहाल, इस बारे में अब कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि अमेरिका अब यूक्रेन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें देगा या नहीं। हालांकि इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था कि ट्रंप कीव से 2000 किमी की मारक क्षमता वाली मिसाइलों के अनुरोध पर विचार कर रहे हैं।
उधर, क्रेमलिन ने गुरुवार को दावा किया था कि यूक्रेन के उत्तरी खार्किव क्षेत्र के शहर कुपियांस्क की दो-तिहाई इमारतों पर उसका नियंत्रण हो चुका है। गौरतलब है रूस मार्च से यूक्रेन के इस शहर पर कब्जे का प्रयास कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था, जब रूस ने यूक्रेन पर सैन्य आक्रमण किया। यह युद्ध अब तक जारी है और दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचा है।
इस युद्ध में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है। रूस की सेना के लगभग 1,67,194 से 2,34,669 सैनिक मारे गए हैं, जबकि यूक्रेनी सेना के लगभग 45,100 सैनिक मारे गए हैं। इसके अलावा, इस युद्ध में हजारों नागरिक भी मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
वर्तमान में, रूस ने यूक्रेन के लगभग 18% क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, जिसमें डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज्ज़िया और खेरसॉन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। यूक्रेन की सेना अभी भी रूसी सेना के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन उसे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।