अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का देश में ड्रग्स तस्करी के प्रति रवैया काफी सख्त है, जो किसी से छिपा नहीं है। इसी सिलसिले में अब ट्रंप मैक्सिको में ड्रग कार्टेल्स पर हमले की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिका (United States Of America) में ड्रग्स एक बड़ी समस्या है, जिसकी गिरफ्त में देश की जनता जकड़ती जा रही है। अमेरिका में ड्रग्स तस्करी में दो पड़ोसी देशों की अहम भूमिका है। हम बात कर रहे हैं मैक्सिको (Mexico) और वेनेज़ुएला (Venezuela) की। इन दो देशों के ड्रग कार्टेल्स जमकर अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी करते हैं। कुछ समय से अमेरिका कैरेबियन क्षेत्र में वेनेज़ुएला के ड्रग कार्टेल्स पर मिसाइल स्ट्राइक कर रहा है, जिसमें अब तक कई नार्को-आतंकी मारे जा चुके हैं। अब ट्रंप, मैक्सिको में ड्रग कार्टेल्स को निशाना बनाने की तैयारी में हैं।
सोमवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा, "मैं मैक्सिको से ड्रग्स को अमेरिका में आने से रोकने के लिए हमले करने के लिए तैयार हूं। ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए जो भी करना पड़े, वो ठीक है।"
ट्रंप पहले ही ड्रग कार्टेल्स को आतंकी संगठन घोषित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियाँ ड्रग कार्टेल्स के ठिकानों, रास्तों और ऑपरेशनों पर नज़र बनाए हुए हैं।
ट्रंप के निशाने पर मैक्सिको के 6 प्रमुख ड्रग कार्टेल्स हैं। इन्हें रोकने के लिए ट्रंप इनके खिलाफ सैन्य अभियान चलाना चाहते हैं, जिसके लिए अमेरिकी सैनिकों और खुफिया अधिकारियों को मैक्सिको भेजा जाएगा। अमेरिकी सैनिक मैक्सिको में ड्रग लैब्स, कार्टेल लीडर्स और कार्टेल्स के सदस्यों को निशाना बनाएंगे। ड्रोन्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए ट्रंप को कांग्रेस से मंजूरी लेने के साथ ही मैक्सिको की भी मंजूरी लेनी पड़ेगी जिसके विषय में बात भी चल रही है।
मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम (Claudia Sheinbaum) ने साफ कर दिया है कि बिना उनकी अनुमति के अमेरिका उनके देश में किसी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं कर सकता। यह मैक्सिको की संप्रभुता का उल्लंघन है। गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में ट्रंप ने मैक्सिको में इस काम के लिए अमेरिकी सैनिक भेजने की पेशकश की थी, जिसे शिनबाम ने ठुकरा दिया था।