भारत और अमेरिका के संबंधों में पड़ी दरार पर बात करते हुए पूर्व अमेरिकी एनएसए ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा है।
भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के बीच कई सालों से चले आ रहे संबंधों में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की वजह से दरार पड़ गई है। ट्रंप ने भारत के खिलाफ 'टैरिफ वॉर' (tariff War) छेड़ते हुए दोनों देशों के संबंधों को कमज़ोर कर दिया है। भारत की तरफ से भी साफ कर दिया गया है कि वो, अमेरिका के दबाव के आगे नहीं झुकेगा। ट्रंप के इस फैसले पर न सिर्फ भारत और दूसरे कई देशों में, बल्कि अमेरिका में भी उनका विरोध हो रहा है। पिछली सरकारों में शामिल कई मंत्री और अधिकारी, ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं। अब अमेरिका के पूर्व एनएसए ने भी ट्रंप पर निशाना साधा है।
जो बाइडन (Joe Biden) की सरकार में एनएसए रहे जेक सुलिवन Jake ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर निशाना साधा है। सुलिवन एक वकील भी हैं और एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने, ट्रंप की वजह से भारत-अमेरिका के संबंधों में पड़ी दरार की आलोचना की है। सुलिवन ने कहा, "पाकिस्तान की ट्रंप के परिवार के साथ बिज़नेस डील्स के कारण ट्रंप ने भारत के साथ संबंधों को खराब कर दिया है। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा रणनीतिक नुकसान है क्योंकि मज़बूत भारत-अमेरिका संबंध हमारे हित में हैं।"
सुलिवन ने आगे कहा, "भारत से संबंधों में पड़ी दरार, ट्रंप की विदेश नीति का सबसे कमज़ोर फैसला है। अमेरिका, कई दशकों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ द्विपक्षीय आधार पर अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिए काम कर रहा है। भारत एक ऐसा देश है जिसके साथ हमें तकनीक, प्रतिभा, अर्थशास्त्र और कई अन्य मुद्दों पर और चीन से रणनीतिक खतरे से निपटने में भी तालमेल बिठाना चाहिए, लेकिन ट्रंप ने कई दशकों पुराने संबंधों को दरकिनार कर दिया।"
सुलिवन ने आगे कहा, "दुनिया के दूसरे देश, जैसे जर्मनी, जापान या कनाडा भी इस स्थिति को देखेंगे और उन्हें लगेगा कि भविष्य में उनके साथ भी ऐसा हो सकता है। ऐसे में अमेरिका के मित्रों और दुनिया भर के अन्य देशों का यह निर्णय लेना कि वो किसी भी तरह, किसी भी रूप में अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकते, दीर्घकालिक रूप से अमेरिकी लोगों के हित में नहीं है। हमें अपनी बात पर खरा उतरना चाहिए। हमारे मित्रों को हम पर भरोसा करना चाहिए और यही हमेशा से हमारी ताकत रही है। भारत के साथ अभी जो हो रहा है, उसका बहुत बड़ा असर होगा है। इसका दुनिया भर में हमारे सभी संबंधों और साझेदारियों पर भी गहरा असर पड़ रहा है।"