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जिनेवा में उठा मुसलमानों के उत्पीड़न का मामला,भारत के पड़ोसी देश ने कही ये बात तो दुनिया के सामने हुई फजीहत

Uyghur Leader China UN: जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र फोरम में उइगर नेता डॉल्कुन ईसा ने शिनजियांग में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों की पोल खोल दी।

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Nov 30, 2025
उइगर नेता चीन में अल्पसंख्यकों के अत्याचार के मामले पर संयुक्त राष्ट्र में संबोधित करते हुए। (फोटो: ANI)

Uyghur Leader China UN: जिनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के अल्पसंख्यक फोरम (UN minority forum) में चीन को मुंह की खानी पड़ी। जब उइगर नेता और विश्व उइगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉल्कुन ईसा जब शिनजियांग में हो रहे अत्याचारों (Uyghur Muslim persecution) की बात कर रहे थे, तो चीनी प्रतिनिधि बीच में कूद पड़े और उन्हें चुप करवाने की कोशिश की। लेकिन सत्र के चेयरमैन ने ईसा को पूरी छूट दे दी। इसके बाद जो हुआ, वो संयुक्त राष्ट्र (China UN embarrassment) के इतिहास में दुर्लभ पल बन गया। डॉल्कुन ईसा (Dolkun Isa Geneva) ने बिना डरे कहा, “चीन हमारी ही जमीन पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है। लाखों उइगरों को शिविरों में बंद किया गया है। हमारी भाषा, संस्कृति व मस्जिदें – सब कुछ मिटाया जा रहा है।” उन्होंने बताया कि विदेशों में बसे उइगर लोग अपनी भाषा के स्कूल खोल रहे हैं, कला और लोकतंत्र को जिंदा रख रहे हैं। लेकिन चीन इसे भी बर्दाश्त नहीं कर रहा है।

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कई लोग सिर्फ सच बोलने की सजा काट रहे हैं

चीन के प्रतिनिधि ने चिल्लाते हुए कहा, “यह एनजीओ हमारी संप्रभुता पर हमला कर रहा है।” इस पर चेयरमैन ने साफ तौर पर कहा – बोलने दो। इसके बाद ईसा ने और तेज आवाज में कहा, “प्रोफेसर इल्हाम तोहती और डॉ. गुलशन अब्बास जैसे लोग सिर्फ सच बोलने की सजा काट रहे हैं। शिनजियांग में उइगर भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया गया है। यह हमारी पहचान मिटाने की साजिश है।”

पूरी दुनिया के सामने चीन की पोल खुल गई

इस प्रकरण से चीन की पूरी दुनिया के सामने पोल खुल गई। ईसा ने सभी देशों से अपील की कि अल्पसंख्यकों की आवाज दबने नहीं दी जाए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब चीन संयुक्त राष्ट्र में फंस चुका है, लेकिन इस बार उसकी चुप कराने की कोशिश दुनिया ने लाइव देखी।

तिब्बत और लद्दाख में भी यही नीति अपनाई जा रही

भारत के लिए यह खबर इसलिए भी अहम है, क्योंकि हमारा पड़ोसी देश तिब्बत और लद्दाख में भी यही नीति अपना रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चीन के मानवाधिकार हनन का मुद्दा कई बार उठाया है। उइगरों की यह लड़ाई भारत के लिए भी प्रेरणा है कि दबंग देशों के सामने सच बोलने से कोई नहीं रोक सकता।

शिनजियांग का मुद्दा अब दबने वाला नहीं (Xinjiang human rights)

बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र में हुई चीन की यह फजीहत साफ बताती है कि शिनजियांग का मुद्दा अब दबने वाला नहीं है। दुनिया अब और सख्ती से चीन से जवाब मांगेगी। क्योंकि चीन चाहे जितना भी चिल्लाए, सच की आवाज दब नहीं सकती! वजह यह है कि डॉल्कुन ईसा ने जिनेवा में चीन की सारी हेकड़ी निकाल दी है। ( ANI)

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