विदेश

H-1B Visa Fee: एमिरेट्स विमान से उतरे भारतीय यात्री, उड़ान में 3 घंटे की देर, ट्रंप के नए आदेश का बड़ा असर

H-1B Visa Fee Impact on Indian Passengers: ट्रंप के नए एच-1बी वीजा शुल्क आदेश के बाद एमिरेट्स की उड़ान में भारतीय यात्रियों में घबराहट फैल गई और कई यात्री विमान से उतर गए।

2 min read
Sep 22, 2025
एमिरेट्स की उड़ान में से उतरे भारतीय यात्री। (फोटो: X Handle asif.)

H-1B Visa Fee Impact on Indian Passengers: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नए एच-1बी वर्कर वीजा (H-1B visa fee) के लिए $100,000 ( लगभग ₹83 लाख ) आवेदन शुल्क लगाने के आदेश के बाद, अमेरिका से भारत जाने वाली एमिरेट्स एयरलाइन की उड़ान (Emirates flight India US) में खलबली मच गई। सैन फ्रांसिस्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई भारतीय यात्री अचानक उड़ान भरने से पहले ही विमान से उतर गए, जिससे फ्लाइट लगभग तीन घंटे देरी से रवाना (Indian passengers flight delay) हो सकी। एमिरेट्स विमान में सवार यात्रियों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो शेयर किए, जिनमें विमान के अंदर लोग घबराए हुए और असमंजस (Trump immigration policy)में दिखे। एक वीडियो में विमान के कैप्टन यात्रियों से कह रहे हैं कि वे चाहें तो विमान छोड़ सकते हैं क्योंकि हालात बहुत असामान्य और तनावपूर्ण हैं। कैप्टन ने कहा, "अगर कोई विमान से उतरना चाहता है तो वो ऐसा कर सकता है।"

यात्रियों के बीच डर और बेचैनी

इस पूरे घटनाक्रम ने यात्रियों के बीच डर और बेचैनी पैदा कर दी थी। एक सोशल मीडिया यूजर ने बताया कि यह सब देखकर माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गया था और लोग चिंता में फंसे थे कि अब आगे क्या होगा। कई यात्रियों ने विमान से उतरकर इस असमंजस की वजह से अपनी यात्रा रद्द कर दी।

कम-कुशल श्रमिकों की जगह अमेरिका में बेहतर प्रतिभा

ट्रंप ने इस नए आदेश में कहा कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम का मकसद अमेरिका में उच्च-कुशल और अनुभवी श्रमिकों को लाना है, लेकिन इसके दुरुपयोग से अमेरिकी कामगारों के अवसर प्रभावित हो रहे थे। इस वजह से यह नया शुल्क लगाया गया है, ताकि कम वेतन वाले और कम-कुशल श्रमिकों की जगह अमेरिका में बेहतर प्रतिभा को मौका मिले।

अमेरिकी तकनीकी कंपनियों में भी हड़कंप मचा

मेटा और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को अमेरिका लौटने का आदेश दिया। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद अमेरिकी तकनीकी कंपनियों में भी हड़कंप मचा। मेटा (फेसबुक की मातृ कंपनी) और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एच-1बी वीजा पर काम कर रहे कर्मचारियों को कम से कम 14 दिनों तक अमेरिका से बाहर न जाने की सलाह दी। अगर कोई कर्मचारी फिलहाल अमेरिका के बाहर है तो उसे 24 घंटे के भीतर वापस आने को कहा गया है, ताकि उन्हें देश में पुनः प्रवेश में कोई समस्या न हो।

अमेरिका में बने रहें और जो बाहर हैं, वे जल्दी से वापस लौटें

मेटा ने कर्मचारियों को यह भी निर्देश दिया कि वीजा नियमों की समझ पूरी होने तक वे अमेरिका में ही रहें। माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने कर्मचारियों से "सख्ती से" कहा है कि वे अमेरिका में बने रहें और जो बाहर हैं, वे जल्दी से वापस लौटने की कोशिश करें।

वहां 83 लिखा है और 48 लाख लिख रहे हैं

व्हाइट हाउस ने स्पष्टीकरण दिया , बोला यह शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा,एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ोतरी के बाद कई गलतफहमियां भी फैल गईं। व्हाइट हाउस ने इस मामले में एक बड़ा स्पष्टीकरण दिया। प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि यह $100,000 यानि तकरीबन 48 लाख रुपये की फीस कोई सालाना शुल्क नहीं, बल्कि एकमुश्त भुगतान है। यह नया नियम केवल नए वीजा आवेदकों पर लागू होगा और न ही वर्तमान वीजा धारकों या नवीनीकरण पर इसका कोई असर पड़ेगा।

Also Read
View All

अगली खबर