इंसान के दिमाग के बारे में हाल ही में एक रिसर्च ने बड़ा खुलासा किया है। क्या कहती है यह रिसर्च? आइए जानते हैं।
दूसरों की मदद करना सिर्फ सामाजिक रिश्तों को मज़बूत नहीं करता, बल्कि यह दिमागी सेहत (Brain Health) के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। अमेरिका (United States of America) की टेक्सास यूनिवर्सिटी एट ऑस्टिन और यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स बॉस्टन के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया कि जो लोग नियमित रूप से दूसरों की मदद करते हैं, उनमें उम्र के साथ होने वाली मानसिक क्षमताओं की गिरावट काफी हद तक धीमी हो जाती है।
वैज्ञानिकों ने 20 वर्षों तक अमेरिका के 30,000 से ज़्यादा वयस्कों पर यह रिसर्च की। जो लोग पड़ोसियों, दोस्तों या रिश्तेदारों की मदद करते थे उनमें संज्ञानात्मक गिरावट की रफ्तार 15 से 20% तक कम पाई गई। सबसे ज़्यादा फायदा उन लोगों को मिला, जो सप्ताह में लगभग दो से चार घंटे दूसरों की मदद करते थे।
रिसर्च के अनुसार चाहे वॉलंटियरिंग हो या रोजमर्रा की निजी मदद, दोनों के लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव हमारे दिमाग की सोचने-समझने की क्षमता पर देखे गए। इस रिसर्च की खास बात यह रही कि मदद के लिए बहुत ज़्यादा समय देने की जरूरत नहीं थी, सिर्फ दो से चार घंटे की नियमित भागीदारी से भी अच्छा फायदा देखा गया। किसी को अस्पताल ले जाना, बच्चों की देखभाल करना, घर या बगीचे का काम करना या टैक्स भरने में मदद करना जैसे काम भी लोग कर सकते हैं, जो दूसरों की मदद में शामिल हैं।
रिसर्च में यह भी पाया गया कि मदद करना बंद कर देने से संज्ञानात्मक क्षमताओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इससे यह संकेत मिलता है कि बुज़ुर्गों को सक्रिय बनाए रखना बेहद जरूरी है। रिसर्च में 1998 से 51 वर्ष से ज़्यादा उम्र के लोगों का डेटा शामिल है। इसमें साफ नज़र आया कि मदद करने की आदत अपनाने और उसे जारी रखने से दिमागी क्षमता बेहतर बनी रहती है।