Houthi drone attack Eilat: यमन के हूती ने इजरायल के ऐलात पर ड्रोन हमला किया, जिसे सेना ने रोक लिया।
Houthi drone attack Eilat0: यमन के हूती विद्रोहियों ने फिर से इजरायल को निशाना बनाया। रविवार रात को उन्होंने लाल सागर के किनारे बसे ऐलात शहर पर ड्रोन से हमला (Houthi drone attack Eilat) किया। यह हमला मध्य पूर्व की तनावपूर्ण स्थिति को और गहरा करने वाला है। इजरायली सेना ने ड्रोन को बीच में ही रोक लिया, लेकिन इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आइए, इस घटना को सरल शब्दों में समझते हैं और जानते हैं कि इससे भारत को क्या सीख मिलती है। रविवार की देर रात हूती समूह ने यमन से एक ड्रोन उड़ाया (Yemen rebels Israel strike), जो सीधे इजरायल के दक्षिणी शहर ऐलात की ओर बढ़ा। ऐलात एक लोकप्रिय रिसॉर्ट शहर है, जो लाल सागर के तट पर स्थित है। जैसे ही ड्रोन के आने की सूचना मिली, वहां सायरन बजने लगे। इजरायली वायुसेना ने तुरंत कार्रवाई की और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया। सेना के बयान में कहा गया कि यह यमन से छोड़ा गया मानवरहित विमान था। पुलिस ने इलाके की तलाशी ली, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। यह हमला उसी दिन का दूसरा था, जब सुबह हूतियों ने मिसाइल दागी थी, जिसे भी इजरायल ने विफल कर दिया।
हूती विद्रोही यमन में सरकार के खिलाफ लंबे समय से लड़ रहे हैं। उन्हें ईरान से हथियारों और समर्थन की मदद मिलती है। ये लोग इजरायल और पश्चिमी देशों के खिलाफ हैं। गाजा में चल रहे संघर्ष के समर्थन में हूती अक्सर इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमले करते हैं। 26 सितंबर को भी उन्होंने तेल अवीव के पास एक हाइपरसोनिक मिसाइल दागी थी, जिससे बेन गुरियन हवाई अड्डा बंद हो गया और हजारों लोग बंकरों में छिपे। हूती प्रवक्ता याह्या सरिया ने इसे गाजा पर इजरायली हमलों का जवाब बताया। सना पर इजरायली हवाई हमलों के बाद यह बदला था।
इजरायली सेना ने हमले को नाकाम करने पर राहत जताई, लेकिन चिंता जाहिर की। ड्रोन को रोकने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम ने काम किया। इससे पहले सितंबर में ऐलात पर ड्रोन हमले से 22 लोग घायल हुए थे, दो गंभीर रूप से। इजरायल ने यमन के हूदीदा पोर्ट और सना पर जवाबी हमले किए, जिसमें कई हूती नेता मारे गए। रक्षा मंत्री ने कहा कि हूतियों को सबक सिखाया जाएगा। इजरायल अब हूती हमलों के स्रोत को नष्ट करने पर फोकस कर रहा है।
यह हमला मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव का संकेत है। इजरायल और हूतियों के बीच यह जंग गाजा संघर्ष से जुड़ी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है, क्योंकि लाल सागर का रास्ता वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है। हूती समूह ने हमले को फिलिस्तीन समर्थन बताया, लेकिन इससे नागरिकों में डर फैल गया। इजरायल ने कहा कि वे अपनी सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
हूती के हमले बढ़ रहे हैं। सितंबर में ऐलात एयरपोर्ट पर ड्रोन गिरा, जिससे उड़ानें रुकीं। जुलाई 2025 में रेड सी में जहाजों पर हमले से व्यापार बाधित हुआ। हूतियों ने 190 से ज्यादा हमले किए, जिससे शिपिंग रूट बदल गए। इजरायल ने जवाब में यमन पर स्ट्राइक किए। यह सिलसिला गाजा युद्ध खत्म होने तक जारी रह सकता है।
भारत के लिए यह घटना चेतावनी है। रेड सी भारत के 12% व्यापार का रास्ता है। हूती हमलों से शिपिंग लागत 200-400% बढ़ गई, जो मुद्रास्फीति और सप्लाई चेन को प्रभावित कर रही है। जुलाई 2025 में भारतीय चालक दल वाले जहाज डूबे, कई भारतीय मारे गए। भारत को नेवी को मजबूत करना चाहिए, जहाजों की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए। मॉडल के तौर पर भारतीय नौसेना रेड सी में एस्कॉर्ट दे सकती है। यह क्षेत्रीय गठबंधन और डिप्लोमेसी की जरूरत बताता है।