Illegal immigrants: कोस्टा रिका ने अमेरिका से निकाले गए अवैध प्रवासियों को शरण देने का निर्णय लिया है। इससे भारतीय प्रवासियों को भी मदद मिलेगी, जो अमेरिका से निकाले गए हैं और बेरोजगार हो गए हैं।
Illegal immigrants कोस्टा रिका (Costa Rica) ने अमेरिका से निकाले गए अवैध अप्रवासियों (illegal immigrants) को अपने देश में पनाह देने का फैसला किया है। पहले उन्हें पनामा की सरहद (Panama border) पर ले जाया जाएगा, उसके बाद अस्थाई प्रवासी देखभाल केंद्र में ले जाया जाएगा। कोस्टा रिका के इस फैसले से उन भारतीयों ( Indians) को लाभ होगा, जो अब न केवल अमेरिका ( Amercia) से निकाले गए हैं, बल्कि बेरोजगार भी हो गए हैं। मध्य अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मध्य एशिया और भारत के 200 प्रवासी बुधवार को अमेरिका से एक वाणिज्यिक उड़ान में पहुंचेंगे। उन्हें पनामा की सीमा पर एक अस्थायी केंद्र में भेजा जाएगा। फिर, उन्हें उनके अपने देशों में भेज दिया जाएगा।
ध्यान रहे कि कोस्टा रिका मध्य अमेरिका का तीसरा देश है, जो अमेरिका से निर्वासित अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने में मदद करेगा। इससे पहले, पनामा और ग्वाटेमाला भी इस पर सहमत हुए थे। पनामा ने पिछले सप्ताह अपनी पहली स्वदेश वापसी उड़ान भेजी थी, जिसमें चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों से आए 119 प्रवासी थे। ग्वाटेमाला में अभी तक कोई प्रवासी नहीं पहुंचा है।
अमेरिका में करीब 11 मिलियन अवैध प्रवासी हैं, जिनमें से अधिकतर का संबंध लैटिन अमेरिका से है। कई प्रवासी बेहतर जीवन की तलाश में जोखिम भरी यात्रा करते हैं और रास्ते में जंगली जानवरों और अपराधियों का सामना करते हैं। पनामा के अधिकारियों के अनुसार,पनामा को पिछले सप्ताह पाकिस्तान,चीन, अफगानिस्तान और अन्य जगहों से आए 119 प्रवासियों के साथ अपनी पहली स्वदेश वापसी उड़ान मिली। ग्वाटेमाला में अभी तक कोई नहीं पहुंचा है।
ट्रंप ने पिछले महीने कार्यालय में अपने पहले दिन दक्षिणी अमेरिकी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल लगाने की घोषणा की और "लाखों-करोड़ों" प्रवासियों को निर्वासित करने की कसम खाई थी। गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को वाशिंगटन में पदभार संभालने के बाद से कोस्टा रिका अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों को वापस लाने में सहयोग करने वाला मध्य अमेरिका का तीसरा देश है। पनामा और ग्वाटेमाला पहले इसी तरह की व्यवस्था पर सहमत हुए थे, जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में लैटिन अमेरिका का दौरा किया था।