Tawi river flood warning: भारत ने पाकिस्तान को तवी नदी में संभावित बाढ़ को लेकर तीन बार चेतावनी भेजी है। भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के चलते पाकिस्तान के कई इलाकों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
Tawi river flood warning: भारत ने पाकिस्तान को भारी बारिश के कारण बाढ़ के खतरे को लेकर ताजा चेतावनी जारी (India flood alert Pakistan) की है। यह चेतावनी जम्मू-कश्मीर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते प्रमुख बांधों से पानी (Heavy rainfall India dams) छोड़े जाने के बाद दी गई है। भारत ने साफ कहा है कि तवी नदी में बाढ़ आने की "उच्च संभावना" (Tawi river flood warning) है। सूत्रों के अनुसार, भारत की तरफ से ये अलर्ट विदेश मंत्रालय के माध्यम से "मानवीय आधार" पर पाकिस्तान को भेजे गए हैं। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब दोनों देशों के संबंध इस साल अप्रेल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद से तनावपूर्ण बने हुए हैं। ध्यान रहे कि भारत ने सोमवार को पहला अलर्ट भेजा था, जिसके बाद मंगलवार और बुधवार को दो और चेतावनियाँ जारी की गईं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "मंगलवार और बुधवार को जारी किए गए अलर्ट में तवी नदी में संभावित बाढ़ के बारे में जानकारी दी गई है। भारत के उत्तरी क्षेत्रों में हो रही अत्यधिक बारिश के चलते कुछ बांधों के जलद्वार खोलने पड़े हैं।"
गौरतलब है कि तवी नदी जम्मू से होकर बहती है और आगे चलकर पाकिस्तान में चेनाब नदी से मिल जाती है। यही वजह है कि भारत में बांधों से छोड़ा गया पानी सीधे पाकिस्तान के कुछ इलाकों में बाढ़ का कारण बन सकता है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ की गंभीर चेतावनी के चलते अब तक लगभग 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि भारत में पानी छोड़े जाने के कारण पाकिस्तान में "बहुत ज्यादा से असाधारण" स्तर तक बाढ़ आने की आशंका है।
बढ़ते जलस्तर के कारण पाकिस्तान में आपात स्थिति जैसे हालात बन रहे हैं। प्रशासन को कुछ जलाशयों और नहरों के दरवाज़े खोलने पड़े हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
ध्यान रहे कि अप्रेल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि के अंतर्गत पाकिस्तान को जलविज्ञान आंकड़े साझा करना बंद कर दिया था। हालांकि, बाढ़ की चेतावनी अब मानवीय आधार पर दी जा रही है ताकि सीमा पार जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल संधि हुई थी, जिसके तहत दोनों देशों के बीच नदियों के जल बंटवारे को लेकर नियम तय किए गए थे।
बहरहाल भारत की ओर से भेजी गई बाढ़ चेतावनी ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है। तवी नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, और दोनों देशों के लिए यह एक संवेदनशील मानवीय और पर्यावरणीय मसला बन गया है।