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एआई की रेस में भारत तीसरा सबसे मज़बूत दावेदार, पहले-दूसरे स्थान पर ये देश

एआई तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और इसका इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है। एआई की रेस में भारत की क्या स्थिति है? आइए नज़र डालते हैं।

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Dec 15, 2025
India in AI race (Representational Photo)

एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। टेक्नोलॉजी के इस दौर में एआई समय के साथ और एडवांस हो रहा है और कई सेक्टर्स में इसका इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। एआई के बढ़ते इस्तेमाल से इसकी ग्लोबल रेस भी तेज़ हो रही है। एआई की इस रेस में भारत (India) भी एक मज़बूत दावेदार बनकर उभरा है। एआई की इस रेस में क्या है भारत की स्थिति? आइए जानते हैं।

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एआई की रेस में भारत तीसरा सबसे मज़बूत दावेदार

एआई सेक्टर में भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और अब इस रेस में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल की हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार भारत अब एआई की रेस में दुनिया का तीसरा सबसे मज़बूत दावेदार बन गया है। यह उपलब्धि दिखाती है कि भारत एआई की इस ग्लोबल रेस में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

पहले-दूसरे स्थान पर ये देश

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल की हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार एआई रेस में भारत से आगे सिर्फ अमेरिका (United States of America) और चीन (China) हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का स्कोर 78.6 है, चीन का स्कोर 36.95 है और भारत का स्कोर 21.59 है। यह स्कोर यह दिखाता है कि भारत ने कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है।

रैंकिंग का पैमाना

एआई की इस रेस में रैंकिंग का पैमाना तय करने में रिसर्च और डेवलपमेंट, कुशल एआई प्रतिभा की उपलब्धता, निवेश और उससे होने वाला आर्थिक प्रभाव, तकनीकी ढांचा, जनता की सोच और सरकार की नीतियों को शामिल किया जाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर यह तय किया जाता है कि देश में एआई का माहौल कितना मज़बूत है।

भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाएगा एआई

एआई रेस की यह रैंकिंग बताती है कि भारत में एआई ग्रोथ के लिए उचित माहौल बन रहा है। यहाँ बड़ी संख्या में युवा तकनीकी प्रतिभाएं हैं, स्टार्टअप्स तेज़ी से बढ़ रहे हैं और सरकार भी डिजिटल और एआई से जुड़ी नीतियों को बढ़ावा दे रही है। आने वाले समय में एआई भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार और तकनीकी विकास में बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह उपलब्धि भारत के उज्ज्वल एआई भविष्य की ओर एक मज़बूत कदम है।

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