India-Pakistan Air Conflict: भारतीय वायुसेना प्रमुख ने दावा किया कि मई 2025 में भारत ने 5 पाकिस्तानी F-16 और JF-17 जेट्स मार गिराए।
India-Pakistan Air Conflict: भारतीय वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तीखे हवाई संघर्ष (India-Pakistan Air Conflict) में भारत ने पाकिस्तान के 5 अत्याधुनिक F-16 और JF-17 जेट्स (IAF Downs Pakistani Jets) को मार गिराया। नई दिल्ली में वायुसेना के सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंह ने बताया, "हमारे पास एक लंबी दूरी के हमले का सुबूत है, और हमारी प्रणाली दिखाती है कि 5 हाई-टेक फाइटर जेट्स, जो F-16 और JF-17 श्रेणी के थे, नष्ट किए गए।" F-16 अमेरिका का बना जेट है, जबकि JF-17 (F-16 JF-17 Clash) चीनी तकनीक पर आधारित हैं।
यह पहली बार है जब भारत ने सार्वजनिक रूप से गिराए गए जेट्स की श्रेणी का जिक्र किया। इससे पहले सिंह ने कहा था कि 5 पाकिस्तानी जेट्स और एक अन्य सैन्य विमान नष्ट हुए थे। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के 6 जेट्स, जिनमें फ्रांस का राफेल शामिल था, गिराया। भारत ने कुछ नुकसान की बात मानी, लेकिन 6 विमानों के दावे को खारिज किया। सिंह ने पाकिस्तान के दावों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ध्यान रहे कि मई का यह संघर्ष कश्मीर में हिंदू पर्यटकों पर हुए हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला था। भारत ने इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमला बताया, जबकि इस्लामाबाद ने इससे इनकार किया। भारत ने जुलाई में कहा कि हमले के तीन आतंकी मारे गए, और उनके पाकिस्तानी होने के "कई सुबूत" हैं। पाकिस्तान ने भारत के दावों को "झूठ" करार दिया।
चार दिन तक चले इस संघर्ष में दोनों देशों ने फाइटर जेट्स, मिसाइल, तोपखाने और ड्रोन का इस्तेमाल किया। इसमें दर्जनों लोग मारे गए। बाद में युद्धविराम पर सहमति बनी। लेकिन इस घटना ने भारत-पाक संबंधों को और बिगाड़ दिया। दोनों देशों के बीच व्यापार, यात्रा और खेल जैसे क्षेत्र प्रभावित हुए। भारत ने एक अहम जल-साझेदारी संधि को भी निलंबित रखा है, जिसे पाकिस्तान ने "युद्ध का कृत्य" बताया।
बहरहाल कश्मीर पर दोनों देशों के बीच तीन में से दो युद्ध हो चुके हैं। मई का संघर्ष दशकों में सबसे खतरनाक था। भारत का कहना है कि उसके पास मजबूत सबूत हैं, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अभी कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया। यह तनाव दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच शांति की राह को और मुश्किल बना रहा है।