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कतर पर इजराइल के हमले पर मोदी ने कही बड़ी बात: क्या भारत-कतर बातचीत से थमेगा मिडिल ईस्ट का तनाव, या नाराज होंगे नेतन्याहू ?

India-Qatar Diplomacy: प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर से बात कर दोहा में हुए इजराइली हमले की निंदा की और क्षेत्र में शांति के लिए बातचीत का समर्थन किया।

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Sep 10, 2025
इजराइल के हमले के बाद मोदी ने कतर से बात की। (सांकेतिक फोटो: IANS.)

India-Qatar Diplomacy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से फोन पर बातचीत (India Qatar Diplomacy) की। इस दौरान उन्होंने दोहा में हुए इजराइल के हमले (Israel Qatar Attack)पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने साफ कहा कि भारत, कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है। मोदी ने कहा कि क्षेत्र (PM Modi Middle East) में बढ़ते तनाव को संवाद और कूटनीति के ज़रिए सुलझाना जरूरी है। उन्होंने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और उत्तेजक कार्रवाइयों से बचने की अपील की। कतर की राजधानी दोहा में हुए इस हमले में 6 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक सुरक्षा अधिकारी भी शामिल था। हमले का इलाका बेहद संवेदनशील था, क्योंकि वहां दूतावासों और स्कूलों की मौजूदगी थी।

भारत ने दिखाई जिम्मेदारी, दुनिया से पहले दी प्रतिक्रिया

भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जिन्होंने इस घटना पर सबसे पहले और स्पष्ट राजनयिक प्रतिक्रिया दी। मोदी का यह बयान बताता है कि भारत मध्य पूर्व की शांति में एक जिम्मेदार भागीदार बना रहना चाहता है।

आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख (India Foreign Policy)

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ है, चाहे वह कहीं से भी हो और किसी भी रूप में हो। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के पक्ष में है।

भारत-कतर रिश्तों में नई मजबूती

यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। कतर भारत का ऊर्जा सहयोगी भी है और खाड़ी क्षेत्र में उसका कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने में बड़ी भूमिका है।

मोदी के बयान के मायने (Middle East Conflict)

राजनयिक समुदाय में मोदी के बयान को संतुलित और शांति-समर्थक बताया जा रहा है। इजराइल समर्थक लॉबी इसे भारत की ‘तटस्थता से हटने’ की ओर इशारा मान सकती है। सोशल मीडिया पर भारत की न्यायपूर्ण स्थिति को सराहा जा रहा है, जबकि कुछ यूजर्स इसे "इजराइल के साथ रणनीतिक रिश्तों में दरार" के तौर पर देख रहे हैं।

भारत और कतर के रिश्ते व सुलगते सवाल

क्या इजराइल की ओर से भारत के बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया आएगी ?

क्या भारत आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र या OIC जैसे मंचों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा ?

क्या भारत इस बयान के बाद कतर के साथ रक्षा या ऊर्जा समझौते को और मज़बूत करेगा ?

भारत-कतर जुगलबंदी और अछूते सवाल

भारत-कतर के बीच एनर्जी सेक्टर में गहरी साझेदारी है – भारत एलएनजी (LNG) का बड़ा हिस्सा कतर से आयात करता है।

भारत के करीब 7 लाख प्रवासी कतर में काम कर रहे हैं – मानवीय सरोकार भी इस संवाद में अहम हैं।

कतर के साथ भारत के रिश्ते गैस और निवेश से परे अब कूटनीतिक मोर्चे पर भी प्रगाढ़ हो रहे हैं।

भारत शांति के लिए सक्रिय

बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी की इस कूटनीतिक पहल से साफ हो गया कि भारत सिर्फ अपने हित नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी सक्रिय है। ऐसे समय में जब पूरा मिडिल ईस्ट तनाव में है, भारत की संतुलित और स्पष्ट प्रतिक्रिया उसे एक शांति समर्थक देश के रूप में पेश करती है।

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