India US Trade Tariff Impact: अमेरिका की ओर से भारत के निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने से कपड़ा, गहने, झींगा और चमड़ा जैसे क्षेत्रों पर भारी असर पड़ा है।
India US Trade Tariff Impact: अमेरिका ने भारत से होने वाले दो-तिहाई निर्यात पर 50% का भारी-भरकम टैरिफ (India US trade war)लागू कर दिया है, जिससे भारतीय उद्योगों में हड़कंप मच गया है। यह शुल्क 25% की मौजूदा दर से दोगुना है और इसका असर (India US Trade Tariff Impact) खास तौर पर श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर पड़ रहा है। भारत अमेरिका को हर साल करीब 8.96 लाख करोड़ रुपये का वस्त्र और परिधान निर्यात करता है। अब इस पर 63.9% तक टैरिफ (India US Trade Tariff Impact) लग गया है, जिससे तिरुपुर, नोएडा, लुधियाना, जयपुर जैसे शहरों के क्लस्टर प्रभावित हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता घटने से बांग्लादेश व वियतनाम जैसे देश इसका फायदा उठा सकते हैं। इससे लाखों नौकरियाँ खतरे में हैं और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा कमजोर हुई है।
भारत से अमेरिका को लगभग 83 हजार करोड़ रुपये के गहनों का निर्यात होता है। अब 2.1% से बढ़कर 52.1% तक टैरिफ लगने से सूरत, मुंबई और जयपुर जैसे हब में लाखों लोगों की नौकरियों पर असर पड़ेगा।
अमेरिका भारत से 19,920 करोड़ रुपये का झींगा खरीदता है। टैरिफ बढ़ने से आंध्र प्रदेश के फार्म और विशाखापत्तनम के प्रोसेसिंग यूनिट्स संकट में आ सकते हैं। वियतनाम और इक्वाडोर जैसे देश बाज़ार छीन सकते हैं।
कालीन: भारत हर साल अमेरिका को 9,960 करोड़ रुपये के कालीन भेजता है। अब टैरिफ 2.9% से बढ़कर 52.9% हो गया है। भदोही, मिर्जापुर और श्रीनगर में इससे कारीगरों की आजीविका खतरे में है।
हस्तशिल्प:13,280 करोड़ रुपये का हस्तशिल्प निर्यात भी अब जोखिम में है। टैरिफ बढ़ने से जोधपुर, मुरादाबाद जैसे शहरों में कारखानों पर असर होगा।
चमड़ा और फुटवियर: 9,960 करोड़ रुपये के चमड़े और जूतों पर अब 50% टैरिफ लग गया है। आगरा, कानपुर, तमिलनाडु जैसे हब में उत्पादन घट सकता है।
भारत अमेरिका को हर साल 49,800 करोड़ रुपये के बासमती चावल, मसाले, चाय जैसे कृषि उत्पाद निर्यात करता है। अब इन पर 50% टैरिफ लगने से पाक, वियतनाम, केन्या जैसे देश बाज़ार पर कब्जा कर सकते हैं।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का अनुमान है कि भारत का लगभग 4,99,660 करोड़ रुपये का निर्यात अब इस टैरिफ की चपेट में है। इससे लगभग 43% अमेरिकी निर्यात घट सकता है और करीब 70% तक प्रभावित सेक्टरों का निर्यात गिर सकता है।
करीब 2.29 लाख करोड़ रुपये का भारतीय निर्यात अब भी टैरिफ-मुक्त रहेगा। इसमें प्रमुख रूप से दवाइयाँ, एक्टिव फार्मा इंग्रीडिएंट (API), स्मार्टफोन, राउटर, चिप्स, डायोड आदि शामिल हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिका की यह कार्रवाई रूस से तेल और हथियारों की खरीद को लेकर की गई है। इससे भारत के निर्यात को गहरा झटका लग सकता है। साथ ही नौकरियों में भारी कटौती और आर्थिक विकास पर असर की आशंका जताई जा रही है।
बहरहाल इस टैरिफ के चलते भारत को अपने निर्यात रणनीति पर फिर से विचार करना होगा। घरेलू उद्योगों को तकनीकी अपग्रेडेशन और नए बाज़ारों की तलाश करनी होगी, नहीं तो लाखों लोगों की आजीविका पर खतरा मंडरा सकता है।