India US Trade Tension 2025: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी दबाव को खारिज करते हुए चीन पर टैरिफ नहीं लगाने पर सवाल उठाया है।
India US Trade Tension 2025: भारत और अमेरिका के बीच इन दिनों ट्रेड, रूसी तेल खरीद, और रणनीतिक मुद्दों को लेकर खींचतान (India US Trade Tension 2025)चल रही है। इसी बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि भारत अपनी तीन प्रमुख "रेड लाइन्स" पर कोई समझौता (Jaishankar Russian Oil Comment) नहीं करेगा। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत के किसानों और छोटे उत्पादकों के हित सबसे पहले हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत जारी (India China Oil Tariff Comparison)है, लेकिन भारत की प्राथमिकताएं तय हैं। उनका कहना था, "हम किसी दबाव में नहीं आएंगे, न ही राष्ट्रीय हितों से समझौता करेंगे।"
जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को हर हाल में बनाए रखेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान मुद्दे में किसी भी तरह की मध्यस्थता को सिरे से खारिज करता है। यह भारत की विदेश नीति की स्पष्ट और स्थायी स्थिति है।
रूस से भारत द्वारा तेल खरीद को लेकर उठे विवाद पर जयशंकर ने अमेरिका से तीखा सवाल किया। उन्होंने पूछा, "अगर रूस से तेल खरीदने पर भारत को टारगेट किया जा रहा है, तो फिर चीन को क्यों नहीं रोका गया? चीन रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, लेकिन उस पर कोई टैरिफ नहीं लगाया गया।"
उन्होंने अमेरिका और यूरोप पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद भी रूसी तेल या उससे जुड़े उत्पाद खरीदते हैं। "अगर आपको रूस से तेल लेना पसंद नहीं, तो मत खरीदिए। लेकिन भारत को उपदेश देने से पहले खुद पर भी नजर डालिए।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है क्योंकि भारत रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीद रहा है। हालांकि जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत की ऊर्जा नीति उसके राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और तेल खरीद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका से भारत की "कट्टी" नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच संवाद और बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि भारत किसी के साथ टकराव नहीं चाहता लेकिन राष्ट्रीय सम्मान और नीतियों पर समझौता भी नहीं करेगा।
बहरहाल भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी वैश्विक दबाव में आकर अपने राष्ट्रीय हितों, किसानों के हक और रणनीतिक निर्णयों को नहीं बदलेगा। विदेश मंत्री जयशंकर का सीधा और मजबूत रुख यही दिखाता है कि आज का भारत स्पष्ट, साहसी और आत्मनिर्भर विदेश नीति अपना रहा है।