India-US Trade Tensions: अमेरिका ने भारत को चेताया है कि अगर रूस से तेल खरीद बंद नहीं हुई, तो टैरिफ में कोई राहत नहीं मिलेगी।
India-US Trade Tensions: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर एक बार फिर तनाव (India-US Trade Tensions) गहराता जा रहा है। इस बार अमेरिका की तरफ से सीधे चेतावनी दी गई है कि अगर भारत ने अपनी नीति नहीं बदली, तो भारी टैक्स और टैरिफ (Trump tariff on Indian goods) झेलने के लिए तैयार रहे। डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump )के टॉप आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट (Kevin Hassett India) ने कहा है कि अगर भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद नहीं रोकता, तो अमेरिका भारत से आने वाले उत्पादों पर दंडात्मक शुल्क बढ़ाता रहेगा। उन्होंने दो टूक कहा – "अगर भारतीय नहीं झुकते, तो ट्रंप भी नहीं झुकेंगे!"
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारतीय सामान पर टैरिफ दोगुना करके 50% तक पहुंचा दिया है, जो अब तक ब्राज़ील के अलावा किसी भी देश के लिए सबसे ज़्यादा है। इसके साथ ही, रूस से कच्चा तेल खरीदने पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी भारत को भुगतना पड़ रहा है।
हैसेट ने भारत के साथ व्यापार वार्ता को "जटिल" और "धीमी" बताया। उनका कहना है कि भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स के लिए अपने बाज़ार नहीं खोल रहा और यह रवैया सहयोगी नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका रूस पर दबाव डालकर युद्ध को रोकना चाहता है, लेकिन भारत अभी भी रूस से व्यापार कर रहा है, जो अमेरिका की रणनीति के खिलाफ है।
हैसेट ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को मैराथन करार देते हुए कहा कि अंतिम स्थिति तक पहुंचने से पहले "उतार-चढ़ाव" आना तय है। उन्होंने कहा कि यह संबंध जटिल है और दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत है।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने भी भारत को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि पहले उम्मीद थी कि भारत के साथ समझौता मई-जून तक हो जाएगा, लेकिन भारत का रुख लगातार टालमटोल वाला रहा है। उन्होंने इसे "असहयोगात्मक व्यवहार" बताया।
भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अपने किसानों और उद्योगों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
सरकार का अनुमान है कि इन दंडात्मक शुल्कों का असर 4 लाख करोड़ रुपये के भारतीय निर्यात पर असर पड़ सकता है। अधिकारियों का मानना है कि फिलहाल इसका सीधा असर भले ही कम दिखे, लेकिन आगे चल कर यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां पैदा कर सकता है।
बहरहाल अमेरिका भारत पर दबाव बनाकर अपने व्यापारिक हित साधना चाहता है, लेकिन भारत झुकने के मूड में नहीं है। ऐसे में यह व्यापार युद्ध और ज्यादा तीखा हो सकता है।