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तालिबानी शासन के साथ काम करेगा भारत? अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री से भारतीय अधिकारियों की बातचीत

India-Afghanistan: ये तीन साल में पहली बार है जब भारत की तरफ से तालिबानी मंत्रियों से आधिकारिक बातचीत हुई है।

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Indian officials talk to Afghanistan Taliban Defense Minister

India-Afghanistan: भारत-अफगानिस्तान संबंधों में बुधवार को एक अहम बदलाव आया जब भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव सचिव जेपी सिंह ने 4-5 नवंबर को तालिबान (Taliban) सरकार के अंतरिम रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद और कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ काबुल में मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों देशों से संबंधों को आगे बढ़ाने और भारत की ओर से मानवीय सहायता पर चर्चा हुई। याकूब तालिबान के पूर्व सर्वोच्च नेता मुल्ला उमर के बेटे हैं। ऐसे में एक सवाल उठ गया है कि क्या भारत अफगानिस्तान के तालिबान शासन के साथ काम करने के लिए आगे बढ़ गया है।

तालिबानी सत्ता को भारत की मान्यता नहीं

भारत ने अगस्त 2021 में सत्ता में आए तालिबान प्रशासन को मान्यता नहीं दी है और तीन साल बाद दोनों देशों के बीच यह पहली औपचारिक बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। उन्हाेंने कहा कि काबुल में बैठकों के दौरान भारत की ओर से मानवीय सहायता के साथ इस बात पर भी चर्चा की कि काबुल में व्यापारिक समुदाय ईरान के चाबहार बंदरगाह तक कैसे पहुंच सकता है।

इन मुद्दों पर हुई बात

इससे पहले तालिबानी रक्षा मंत्रालय ने एक्स पोस्ट में याकूब और सिंह की मुलाकात की तस्वीर साझा की और कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की साझा इच्छा जाहिर की। तालिबान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान मुत्ताकी ने भारत के साथ व्यापार संबंधों को बढ़ाने के लिए अफगान व्यापारियों के लिए वीजा सुविधा का अनुरोध किया।

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