डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन लग रहा है ईरान इससे पहले ही घबरा गया है।
अमेरिका (United States Of America) में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की सरकार बनने जा रही है। ट्रंप की शपथ ग्रहण में अब 7 दिन ही बाकी हैं। अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. (Washington D.C.) में स्थित अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग (US Capital Building) में ट्रंप देश के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी को शपथ लेंगे। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को लेकर अलग-अलग देशों का अलग-अलग नज़रिया है। अगर ईरान (Iran) की बात करें, तो लगता है कि वो ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही घबरा गया है।
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने से पहले ही ईरान ने कुछ ऐसा कर दिया है जिससे उसकी घबराहट दिख रही है। ईरान ने इस महीने बड़े लेवल पर अपना सैन्याभ्यास शुरू कर दिया है, जो कई सालों में अब तक का सबसे बड़ा ईरानी सैन्याभ्यास है। इस दौरान हज़ारों ड्रोन्स, रॉकेट लॉन्चर्स और बैलिस्टिक मिसाइलों की परेड की गई।
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अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से संबंध खराब ही रहे हैं। अमेरिका इतने सालों में ईरान पर कई प्रतिबंध लगा चुका है और ट्रंप के आने के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं।
इज़रायल (Israel) की मिसाइल स्ट्राइक को झेलने के साथ ही ईरान के समर्थित आतंकी संगठनों हमास और हिज़बुल्लाह को भी इज़्रायक के खिलाफ युद्ध में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेरिका के नए प्रतिबंधों की वजह से ईरान के तेल की बिक्री में भी गिरावट आ सकती है, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है। ऐसे में ईरान बैकफुट पर आ गया है।
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सैन्याभ्यास के ज़रिए ईरान अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसे घबराहट का संकेत माना जा रहा है। ईरान बड़े लेवल पर मिसाइलों का प्रोडक्शन कर रहा है। इतना ही नहीं, ईरान के डिफेंस सिस्टम्स भी पूरी तरह से एक्टिव हैं और उन्हें अपग्रेड भी किया जा रहा है। ईरान अपनी न्यूक्लियर स्ट्रैटेजी पर भी काम कर रहा है। ईरान ये सब करके यह दिखाना चाह रहा है कि वो बहुत ही शक्तिशाली है, लेकिन इसे दिखावे के तौर पर देखा जा रहा है कि ईरान ट्रंप के दूसरे कार्यकाल से जुडी अपनी घबराहट को छिपाने के लिए शक्ति-प्रदर्शन कर रहा है।
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