Iran Presidential Election: ईरान में इब्राहीम रईसी की मौत के बाद हो रहे राष्ट्रपति चुनाव के बाद हिजाब के बारे में भी फैसला होगा कि हिजाब रहेगा या हटेगा?
Iran Presidential Election: ईरान में शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो गया है। पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ( Ebrahim Raisi) की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। तब से यह पद खाली पड़ा था। राष्ट्रपति की दौड़ में कुल चार उम्मीदवार हैं।
ध्यान रहे कि शुरुआत में इस पद के लिए छह नाम सामने आए थे, लेकिन आखिरी समय पर उपराष्ट्रपति आमिर हुसैन काजीजादेह हाशमी (Amir Hossein Qazizadeh Hashmi) और तेहरान के मेयर अली रजा जकानी ( Ali Reza Zakani) ने अपने नाम वापस ले लिए। इसके बाद अब राष्ट्रपति की दौड़ में सिर्फ चार उम्मीदवार मोहम्मद बाकर कालीबाफ, सईद जलीली और, मुस्तफा पोरमोहम्मदी और मसूद पेजेशकियान हैं।
ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए पहला चुनाव सन 1980 में हुआ था और अबुल हसन बनिसद्र ने जीत हासिल की थी। वहीं 19 मई 2024 को इब्राहिम रईसी की मृत्यु के बाद पहले उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ( Ebrahim Raisi) की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद ईरान में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं । राष्ट्रपति पद के लिए कुल 80 लोगों ने आवेदन दिया था, लेकिन बाद में सिर्फ छह नामों पर मुहर लगी, तीन बार ईरानी संसद के स्पीकर रह चुके अली लारीजानी ने भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनके नाम पर भी मुहर नहीं लगी।
सईद जलीली (Saeed Jalili) ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग (NSC) के पूर्व सचिव रहे चुके हैं और वे देश के प्रमिुख परमाणु वार्ताकार रह चुके हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों और ईरान के बीच परमाणु हथियारों को लेकर हुई बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी। परमाणु हथियार को लेकर उनका आक्रामक रुख रहा है, वे कट्टरपंथी खेमे के माने जाते हैं और अयातोल्ला खामेनई के काफी करीबी हैं। राष्ट्रपति पद के लिए इनका दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है।
अब करते हैं मोहम्मद बाकर कालीबाफ(Mohammed Bakar kaliBaf) की बात,उन्हें सईद जलीली गुट का ही माना जाता है। वे संसद के मौजूदा स्पीकर हैं और तेहरान के मेयर और रिवॉल्युशनरी गार्ड के प्रमुख भी रह चुके हैं।
आइए अब जानते हैं मुस्तफा पोर मोहम्मदी ( Mustafa Pourmohammedi )के बारे में, वे पूर्व कानून और गृह मंत्री हैं। उनकी छवि कट्टरपंथी नेता की है, लेकिन वे ईरानी महिलाओं के साथ क्रूरता के खिलाफ रहे हैं। वे कह चुके हैं कि अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो हिजाब कानून खत्म कर देंगे।
तबरेज सांसद मसूद पेजेशकियन ( Massoud Pezeshkian) कार्डियक सर्जन भी हैं। उनकी पहचान उदारवादी नेता की रही है। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी का करीबी माना जाता है। वह खुले तौर पर कई बार हिजाब का विरोध कर चुके हैं। वह कह चुके हैं कि किसी के भी पास मोरल पुलिसिंग का हक नहीं है। वह खुद को रूहानी और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी जैसे सुधारवादी लोगों और 2009 के ग्रीन मूवमेंट विरोध का नेतृत्व करने वालों के साथ जोड़ने की कोशिश कर चुके हैं।
इस बार ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कई अहम मु्द्दे चर्चा में बने हुए हैं। इनमें भ्रष्टाचार के लेकर ब्रेन ड्रेन, प्रेस की आजादी, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध और हिजाब कानून जैसे मुद्दे शामिल हैं। साल 2022 में देशव्यापी हिजाब विरोधी आंदोलन के बाद से हिजाब एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।