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ट्रंप के ‘टैरिफ वॉर’ से बचने के लिए ईरान ने मांगी भारत से मदद, संबंधों को मज़बूत करने पर जोर

Iran Seeks Strong Relations With India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' से बचने के लिए ईरान ने भारत से मदद मांगी है? क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।

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Apr 17, 2025
US President Donald Trump, Indian Prime Minister Narendra Modi and Iranian Supreme Leader Ali Khamenei

अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का ‘टैरिफ वॉर’ (Tariff War) दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्रंप के 'टैरिफ बम' से कई देशों की चिंता भी बढ़ गई है और खासकर ऐसे देशों की जिनके अमेरिका से अच्छे संबंध नहीं हैं। इन देशों में ईरान (Iran) भी शामिल है। अमेरिका और ईरान के बीच कई सालों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका ने पहले से ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं। फ़िलहाल इस पर 90 दिन की रोक लगी हुई है, लेकिन इसके बाद ईरान को टैरिफ से कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। ऐसे में टैरिफ की वजह से ईरान की चिंता बढ़ गई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ईरान ने भारत (India) से मदद मांगी है।

क्या चाहता है ईरान?

भारत और ईरान के बीच काफी समय से अच्छे संबंध रहे हैं। ईरान, भारत को अच्छा दोस्त मानता है। ऐसे में ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' से निपटने के लिए ईरान, भारत से संबंधों को और मज़बूत करने पर जोर देना चाहता है। ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई (Ali Khamenei) ने भी इस बारे में बयान दिया है।

व्यापारिक संबंधों में मज़बूती ज़रूरी

खामेनेई ने भारत के साथ ही रूस (Russia) और चीन (China) के साथ अच्छे व्यापारिक संबंधों को ज़रूरी बताया। ईरानी सुप्रीम लीडर ने कहा कि ईरान को इन तीनों देशों के साथ व्यापारिक और आर्थिक संबंध बढ़ाने चाहिए।

पाकिस्तान से मज़बूत संबंधों में नहीं है ईरान को दिलचस्पी

खामेनेई ने एशियाई देशों से संबंधों में मज़बूती पर बात करते हुए पाकिस्तान (Pakistan) का ज़िक्र भी नहीं किया। इससे साफ है कि ईरान को अपने पड़ोसी पाकिस्तान से मज़बूत संबंधों में कोई दिलचस्पी नहीं है।

ईरानी विदेश मंत्री जल्द कर सकते हैं भारत दौरा

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची (Abbas Araghchi) जल्द ही भारत का दौरा कर सकते हैं। इस दौरान वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करने के लिए बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि कुछ समय पहले आराघची ने चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) पर भारत से साथ डील पर बात करते हुए भारत को ईरान का दोस्त बताया था। भारत, रूस और चीन से अच्छे व्यापारिक संबंधों से न सिर्फ ईरान की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, बल्कि इन तीनों देशों की अर्थव्यवस्था भी और मज़बूत होगी।






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