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क्या हमास मंजूर करेगा शांति प्रस्ताव ? भारत में इज़राइल के राजदूत ने कही बड़ी बात

Hamas peace proposal: इज़राइल को उम्मीद है कि कतर और मिस्र के दबाव में हमास उनके शांति प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। यदि नहीं, तो इज़राइल को अन्य विकल्प चुनने पड़ सकते हैं।

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Sep 30, 2025
गाजा में इजरायली सैन्य अभियान जारी (ANI)

Hamas peace proposal: भारत में इज़राइल के राजदूत रियूवेन अज़ार (Reuven Azar) ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि इज़राइल को उम्मीद है कि हमास उनकी ओर से पेश किया गया शांति प्रस्ताव (Hamas peace proposal) मंजूर करेगा। यह प्रस्ताव इज़राइल और हमास के बीच चल रहा तनाव (Israel-Hamas conflict) कम करने और शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। अज़ार ने बताया कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए हमास पर कतर और मिस्र जैसे देशों का दबाव अहम भूमिका निभा सकता है। राजदूत ने यह बात साफ की है कि हमास का इस प्रस्ताव को स्वीकार करना काफी हद तक कतर (Qatar mediation) और मिस्र के दबाव पर निर्भर करता है। ये दोनों देश क्षेत्रीय शांति के लिए मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अज़ार ने कहा कि इज़राइल को उम्मीद है कि यह दबाव कारगर साबित होगा और हमास सकारात्मक जवाब देगा। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर हमास प्रस्ताव को ठुकराता है, तो इज़राइल के पास अन्य विकल्प तलाशने के अलावा कोई चारा नहीं होगा।

इज़राइल की मजबूरी

अज़ार ने अपने बयान में यह भी कहा कि इज़राइल शांति के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन अगर हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता, तो इज़राइल को कठोर कदम उठाने पड़ सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि इज़राइल किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेगा और उसे अपने देश की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। यह बयान इज़राइल की उस नीति को दर्शाता है, जिसमें वह शांति की कोशिश तो करता है, लेकिन अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करता।

क्षेत्रीय शांति की उम्मीद

हमास और इज़राइल के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है, और इस प्रस्ताव को एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। कतर और मिस्र जैसे देशों की मध्यस्थता से पहले भी कई बार शांति वार्ता की कोशिशें हुई हैं, लेकिन सफलता सीमित रही है। इस बार इज़राइल को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण हमास सकारात्मक रुख अपनाएगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो यह क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

भारत-इज़राइल संबंधों का संदर्भ

भारत में इज़राइल के राजदूत का यह बयान भारत और इज़राइल के मजबूत कूटनीतिक रिश्तों को भी दर्शाता है। भारत ने हमेशा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का समर्थन किया है। अज़ार का यह बयान भारत जैसे मंच से देना इस बात का संकेत है कि इज़राइल भारत की भूमिका को भी इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण मानता है। भारत ने पहले भी कई बार मध्यस्थता के लिए अपनी तटस्थ स्थिति का इस्तेमाल किया है, और इस बार भी वह शांति प्रक्रिया में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दे सकता है।

इज़राइल कतर और मिस्र के दबाव में शांति प्रस्ताव स्वीकार करेगा

बहरहाल इज़राइल को उम्मीद है कि कतर और मिस्र के दबाव में हमास उनके शांति प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। हालांकि, अगर ऐसा नहीं होता, तो इज़राइल को अन्य रास्ते अपनाने पड़ सकते हैं। यह स्थिति क्षेत्रीय शांति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब हमास के जवाब और कतर-मिस्र की मध्यस्थता पर टिकी हुई हैं। ( इनपुट क्रेडिट: एएनआई)

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