Al-Aqsa Masjid:रमज़ान के दौरान इज़राइली सैनिकों ने अल-अक्सा मस्जिद पर हमला किया, जिससे धार्मिक तनाव बढ़ गया। हमास ने इज़राइल से दक्षिणी ग़ाज़ा से सेना हटने की मांग की है।
Al-Aqsa Masjid: इज़राइल बहुत अधिक बर्बरता पर उतर आया है। रमज़ान (Ramadan) के दौरान इज़राइली सैनिकों ने अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) पर हमला कर दिया। अल जज़ीरा अरबी की रिपोर्ट के अनुसार इज़राइली सैनिकों (Israeli soldiers) ने पूर्वी यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद के प्रांगण पर हमला किया, जब फ़िलिस्तीनी सुबह की नमाज़ के लिए एकत्र हुए थे। इज़राइली अधिकारियों ने रमज़ान के दौरान नमाज़ पढ़ने के लिए कब्जे वाले पश्चिमी तट से इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल मस्जिदे अक्सा की यात्रा करने वाले फ़िलिस्तीनियों पर भारी प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस्लाम में मक्का, मदीना और अल अक्सा सबसे अहम पवित्र स्थल माने हैं। मानवाधिकार (Human rights) समूह का कहना है कि युद्ध विराम के बाद से इज़राइल ने हर दिन ग़ाज़ा (Gaza) में 3 फ़िलिस्तीनियों को मार डाला है।
यह घटना रमज़ान के महीने में इज़राइली सैनिकों द्वारा अल-अक्सा मस्जिद पर हमले की एक और घटना को दर्शाती है, जो पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा सकती है। अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है, और फ़िलिस्तीनियों के लिए यह धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
इज़राइली सैनिकों द्वारा मस्जिद के प्रांगण में हमला करते समय, जब फ़िलिस्तीनी सुबह की नमाज़ के लिए एकत्र हुए थे, यह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। रमज़ान के दौरान नमाज़ के लिए जाने वाले फ़िलिस्तीनियों पर इज़राइली अधिकारियों द्वारा कड़े प्रतिबंधों का लागू होना भी बढ़ती असहमति और संघर्ष को उजागर करता है।