हाल ही में जीसस क्राइस्ट से जुड़े एक 1,600 साल पुराने दस्तावेज की खोज हुई है। क्या है यह दस्तावेज? आइए जानते हैं।
दुनियाभर के इतिहासकार अपना ज़्यादातर समय किसी ने किसी खोज में ही बिताते हैं। अक्सर ही उन्हें ऐसी चीज़ें मिलती भी हैं जो काफी पुरानी भी होती हैं और साथ ही बिल्कुल हटके भी। हाल ही में जर्मनी के इतिहासकारों ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। बर्लिन में हम्बोल्ट यूनिवर्सिटी के इतिहासकारों ने बताया कि उन्होंने 1,600 साल पुरानी एक हस्तलिपि ढूंढ निकाली है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि यह कैसी हस्तलिपि है और किससे संबंधित है? दरअसल यह हस्तलिपि जीसस क्राइस्ट (ईसा मसीह) के बचपन से जुड़ी है। इसे उनके बचपन का सबसे पुराना रिकॉर्ड माना जा रहा है।
कहाँ मिली हस्तलिपि?
इतिहासकारों ने बताया कि उन्हें यह हस्तलिपि, जो पपीरस का टुकड़ा है, हैम्बर्ग की एक लाइब्रेरी में मिली, जिसे कई सालों से संग्रहित करके रखा गया था और उस पर किसी का ध्यान नहीं गया।
Infancy Gospel of Thomas का हिस्सा
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पपीरस का यह टुकड़ा, जो एक हस्तलिपि है, Infancy Gospel of Thomas का हिस्सा था। Infancy Gospel of Thomas जीसस क्राइस्ट के बचपन की जानकारी देने वाले दस्तावेज है और जो हस्तलिपि का टुकड़ा मिला है, वो इसी दस्तावेज की सबसे पुरानी प्रतिलियों में से एक का हिस्सा है।
ग्रीक भाषा में है हस्तलिपि
इतिहासकारों को जीसस क्राइस्ट से संबंधित जो हस्तलिपि मिली है, वो ग्रीक भाषा में है।
क्या कहती है यह हस्तलिपि?
एक्सपर्ट्स ने जब इस हस्तलिपि को पढ़ा, तो उन्हें समझ में आया कि यह मामूली कागज़ नहीं, बल्कि जीसस क्राइस्ट से संबंधित है। एक्सपर्ट्स ने इसे पढ़कर बताया कि इसमें क्या लिखा है। इस हस्तलिपि में जीसस क्राइस्ट के बचपन का एक किस्सा लिखा हुआ है। इसके अनुसार जीसस एक नदी के किनारे खेल रहे थे और मुलायम मिट्टी से गौरैया बना रहे थे। जब उनके पिता जोसेफ ने उन्हें डांटा, तो 5 साल के जीसस ने ताली बजाई और मिट्टी के पक्षियों को जीवित कर दिया। इस कहानी को जीसस के दूसरे चमत्कार के रूप में जाना जाता है। हालांकि इसे बाइबल में शामिल नहीं किया गया क्योंकि कुछ शुरुआती ईसाई लेखकों ने इस कहानी की सटीकता पर संदेह किया था।
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