Modi 3.0: पड़ोसी नेताओं को पीएम मोदी का निमंत्रण क्षेत्र के देशों के साथ जुड़ने के भारत के चल रहे प्रयासों को दर्शाता है। 2014 में भी उन्होंने सार्क (SAARC) देशों के नेताओं को बुलाया था और 2019 में उन्होंने बिम्सटेक (BIMSTEC) समूह के देशों को आमंत्रित किया था।
Modi 3.0: रविवार को देश के तीसरे प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी शपथ लेने वाले हैं। इस कार्यक्रम को और भी खास बनाने के लिए सात देशों के राष्ट्राध्यक्ष और उनके प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा हिंद महासागर क्षेत्र के बड़े नेता भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम (Narendra Modi Oath Ceremony) में हिस्सा ले रहे हैं। जिनमें श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश, मॉरीशस, नेपाल और भूटान, सेशेल्स शामिल है। कई लोगों के मन में एक सवाल बार-बार कौंध रहा है कि अक्सर कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष जब शपथ लेते हैं या वैसा कोई कार्यक्रम होता उनका होता है तो अमेरिका जैसे बड़े-बड़े देशों के प्रतिनिधियों को मेहमान बनाया जाता है। लेकिन भारत ने ऐसा क्यों किया। इन 7 देशों को ही क्यों बुलाया गया है। तो इसका जवाब हम आपको यहां दे रहे हैं।
दरअसल नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के भारत की सत्ता संभालने के बाद से ही देश की विदेश नीति में भी काफी फर्क आया है। भारत ने अब अपने पड़ोसियों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। ये भारत की नेबरहुड फर्स्ट (Neighborhood First) पॉलिसी ही है जो आज सभी को नई दिल्ली में सज रहे मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में देखने को मिल रही है। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी (Modi 3.0) ने जिन 7 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया है वो सभी नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। यानी सभी ने मोदी का ये न्यौता स्वीकर कर लिया और वो भी उस भारत के साथ अपने संबंधों को आगे ले जाने की सोच रहे हैं जो भारत विश्व पटल पर अपनी चमक बिखेर रहा है और अपनी धाक जमा रहा है।
भूटान- प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे
बांग्लादेश - प्रधानमंत्री शेख हसीना
नेपाल- प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड
सेशेल्स - उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ
मॉरीशस- प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ
मालदीव- राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू
श्रीलंका- राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे
ये सारे नेता रविवार शाम 7:15 बजे नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो रहे हैं। ये सारे भारत के पड़ोसी देश हैं और भारत अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत ही इन देशों को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बयान दिया है। जिसमें कहा गया है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत के अपने 'पड़ोसी प्रथम' को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए है। जो भारत की नीति और 'सागर' दृष्टिकोण तो दिखाती है।”
पड़ोसी नेताओं को पीएम मोदी का निमंत्रण क्षेत्र के देशों के साथ जुड़ने के भारत के चल रहे प्रयासों को दर्शाता है। 2014 में भी उन्होंने सार्क (SAARC) देशों के नेताओं को बुलाया था और 2019 में उन्होंने बिम्सटेक (BIMSTEC) समूह के देशों को आमंत्रित किया था।
बता दें कि इस समारोह में शामिल होने वाले 8,000 से भी ज्यादा मेहमानों के लिए बैठने का इंतजाम किया गया है। गौरतलब है कि NDA लोकसभा में 543 में से 293 सांसदों के साथ मजबूत स्थिति में है। इनमें से 240 सीटों के साथ भाजपा की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। जबकि 2019 के चुनाव में बीजेपी को कुल 303 सीटें हासिल हुईं थीं।