Brigitte Macron transgender rumor: फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को अपनी पत्नी ब्रिगिट की पहचान साबित करनी पड़ी, जब अफवाह उड़ी कि वे ट्रांसजेंडर हैं।
Brigitte Macron transgender rumor: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) और उनकी पत्नी ब्रिगिट मैक्रों एक बेहद अजीब और विवादित अफवाह का सामना कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि ब्रिगिट (French First Lady rumors)असल में एक पुरुष थीं और उन्होंने लिंग परिवर्तन करवाया (Brigitte Macron transgender rumor) है। यह आरोप न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। इस विवाद (Macron defends wife) की शुरुआत 2017 में तब हुई जब एक ब्लॉगर नताशा रे (Natasha Ray) ने यूट्यूब पर एक वीडियो में दावा किया कि ब्रिगिट मैक्रों (Brigitte Macron conspiracy) असल में उनके भाई जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स हैं, जिन्होंने बाद में अपना लिंग और नाम बदल लिया। उसके बाद 2021 में एक और इंटरव्यू में उन्होंने फिर से यही बात दोहराई, जो 2022 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस विवाद ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया और कोर्ट का रुख ले लिया।
ब्लॉगर ने कथित तौर पर ब्रिगिट के "भाई" की बचपन की तस्वीरें भी पेश कीं और दावा किया कि वह तस्वीरें ब्रिगिट जैसी दिखती हैं। इसके बाद ऑनलाइन अफवाहें तेजी से फैलने लगीं।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट को ट्रांसजेंडर साबित करने के लिए दिखाये जा रहे बचपन की तस्वीरें । फोटो: X Handle Carolina
पत्रकारों और वंशावलीविदों के शोध के अनुसार ब्रिजिट मैक्रॉन एक पुरुष के रूप में पैदा हुई थीं और उनका नाम जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स है और वह 30 साल तक एक पुरुष के रूप में रहीं, उनके पांच बच्चे हुए और फिर वह एक महिला में परिवर्तित होकर ब्रिजिट बन गईं।
इन झूठे आरोपों के खिलाफ मैक्रों दंपति ने नताशा रे और स्पिरिचुअल माध्यम अमांडाइन रॉय पर मानहानि का मुकदमा किया। सितंबर 2024 में कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया, लेकिन जुलाई 2025 में पेरिस की अपीलीय अदालत ने यह फैसला उलट दिया और कहा कि आरोप "सद्भावना" से लगाए गए थे।
अमेरिका की कुख्यात दक्षिणपंथी राजनीतिक टिप्पणीकार कैंडेस ओवेन्स ने भी 2024 में यही दावा दोहराया और कहा कि वह अपनी "पूरी पेशेवर प्रतिष्ठा" इस बात पर दांव पर लगाने को तैयार हैं कि ब्रिगिट ट्रांसजेंडर हैं। इस पर मैक्रों ने जुलाई 2025 में कैंडेस पर मानहानि का केस दर्ज किया।
उनके वकील टॉम क्लेयर के मुताबिक, राष्ट्रपति अब अमेरिकी अदालत में फोटोज और मेडिकल रिकॉर्ड जैसे वैज्ञानिक प्रमाण पेश करेंगे, जिससे यह सिद्ध किया जा सके कि ब्रिगिट महिला हैं, और उन्होंने गर्भधारण किया था और बच्चों का पालन-पोषण भी किया है।
ओवेन्स ने इस मुकदमे को "प्रचार पाने की कोशिश" करार दिया और ब्रिगिट को "मूर्ख" तक कह दिया। ओवेन्स के यूट्यूब चैनल पर 40 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। उन्हें इससे पहले न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से वीज़ा भी इसलिए नहीं मिला था क्योंकि उन्होंने नाजियों द्वारा किए गए यहूदी अत्याचारों को नकारा था।
राष्ट्रपति मैक्रों (47) और ब्रिगिट (72) की लव स्टोरी भी हमेशा चर्चा में रही है। वे पहली बार स्कूल में मिले थे जब ब्रिगिट उनकी टीचर थीं। उस समय ब्रिगिट शादीशुदा थीं और तीन बच्चों की माँ थीं। लेकिन बाद में उन्होंने अपने पति से तलाक लिया और 2007 में मैक्रों से शादी कर ली।
इस साल की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि ब्रिगिट ने गुस्से में मैक्रों के चेहरे पर धक्का दिया। हालांकि यह घटना विमान के उतरने के दौरान हुई और इसमें कोई झगड़ा नहीं था।
यह पूरा मामला बताता है कि सोशल मीडिया की झूठी खबरें किस तरह बड़े स्तर पर असर डाल सकती हैं। राष्ट्रपति स्तर की हस्तियों को भी व्यक्तिगत हमलों और अफवाहों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है।