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Modi 3.0 Oath Ceremony: भारत के विकास का मॉडल फॉलो करने वाला मित्र देश है श्रीलंका,जानिए

Modi 3.0 Oath Ceremony : मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने न केवल निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, बल्कि लोकसभा चुनावों में लगातार तीसरी बार जीत पर प्रधानमंत्री मोदी को फोन पर पहले ही बधाई भी दी इस दौरान मोदी ने राष्‍ट्रपति विक्रमसिंघे को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। अब विक्रमसिंघे मोदी के शपथग्रहण समारोह के साक्षी बनेंगे।

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Jun 08, 2024
Ranil Wickremesinghe with PM Modi .File photo

Modi 3.0 Oath Ceremony : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। भारत के श्रीलंका ( Srilanka) के साथ औपचारिक नहीं, अनौपचारिक संबंध हैं। भारत के नजदीकी मित्र देश श्रीलंका के साथ संबंधों में सुधार आया है रावण, लिट्टे, शांति सेना और राजीव गांधी की हत्या के जैसे मामलों के इतर भी श्रीलंका की एक रणनीतिक साझेदार के रूप में भूमिका रही है और आज वह भारत की बात मानता भी है वह भारत के विकास का मॉडल फॉलो करने वाला मित्र देश है। ध्यान रहे कि वे एक साल पहले भारत यात्रा के समय हैदराबाद में मोदी से मिले थे।

भारत का अनुसरण करता है श्रीलंका

रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने कुछ अरसा पहले कहा था कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने शून्य का आविष्कार किया और फिर आगे बढ़ते हुए आज काफी तरक्की कर ली है। मैं कह सकता हूं कि भारत ने जिस तरह से खुद को आगे बढ़ाया है, वो समझने लायक है और हम इसको अपने देश में लागू कर सकते हैं। डिजिटल बुनियादी ढांचे पर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा था, "भारत जो कर रहा है, हम उसकी नकल कर रहे हैं। हम निश्चित ही भारत के साथ चलना चाहें

समुद्री सीमा साझा

भारत और श्रीलंका समुद्री सीमा साझा करते हैं। भारत श्रीलंका का एकमात्र पड़ोसी है, जो पाक जलडमरूमध्य से अलग किया गया है और दोनों राज्य दक्षिण एशिया में एक रणनीतिक स्थिति रखते हैं और हिंद महासागर में एक साझा सुरक्षा छत्र बनाने की मांग कर रहे हैं भारत और श्रीलंका दोनों गणराज्य हैं जो राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं।

भारत से 11 मिलियन अमरीकी डॉलर सहायता

श्रीलंका सस्टेनेबल एनर्जी अथॉरिटी और भारतीय कंपनी U-सोलर क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस ने श्रीलंका में जाफना प्रायद्वीप के नैनातिवु, डेल्फ्ट या नेदुन्थीवु और एनालाइटिवू द्वीपों में "हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम" के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना को भारत सरकार से 11 मिलियन अमरीकी डॉलर की अनुदान सहायता के माध्यम से समर्थित किया गया है। श्रीलंकाई कैबिनेट ने पहले श्रीलंका में इन तीन द्वीपों में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को निष्पादित करने हेतु चीन में सिनोसोअर-एटेकविन (Sinosoar-Etechwin) संयुक्त उद्यम, चीन की एक परियोजना को स्वीकृति पदी, जिसका स्थान अब भारत ने ले लिया है।

भारत-श्रीलंका रिश्ते

भारतीय-श्रीलंका के रिश्ते पहले से बहुत बेहतर हैं और यूं कहें तो गलत नहीं होगा कि भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंध हैं । भारत श्रीलंका के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, नौकरशाही में सुधार करने और भविष्य के आर्थिक सहयोग के लिए निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बढ़ाने के प्रयास में सबसे महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उभरा है। दोनों देश सहयोग और पारस्परिक लाभ के एक नए चरण का संकेत देते हुए अपने आर्थिक और ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं।

4 प्रतिशत श्रीलंकाई ही नकारात्मक

केवल 4 प्रतिशत श्रीलंकाई लोगों का ही भारत के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण है, जो इप्सोस ग्लोबलस्कैन की ओर से किए गए सर्वेक्षण किए गए सभी देशों में सबसे कम है। दोनों देश आर्थिक दृष्टि से भी करीब हैं, भारत इस द्वीप का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और एक प्रोटो सिंगल मार्केट स्थापित करने के समझौते पर भी उन्नत चरण में चर्चा चल रही है। दोनों देशों के बीच गहरे जातीय और सांस्कृतिक संबंध हैं।

दोनों राष्ट्रमंडल के सदस्य

भारत और श्रीलंका दोनों ही गणराज्य हैं जो राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं । भारत ने वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को श्रीलंका की वित्तीय सहायता और ऋण पुनर्गठन प्रस्ताव के लिए औपचारिक समर्थन प्रस्तुत करने वाला पहला देश होने का गौरव प्राप्त किया है। भारत और श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने और सुरक्षित रखने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2020 में वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान 15 मिलियन अमरीकी डालर की अनुदान सहायता का अनावरण किया था। यह वित्तीय सहायता विभिन्न उद्देश्यों के लिए है।

चीन के करीब

श्रीलंका के गृह युद्ध और युद्ध के दौरान भारतीय हस्तक्षेप के विवाद से संबंधों की परीक्षा हुई है। हाल के वर्षों में श्रीलंका चीन के करीब गया है, खासकर नौसैनिक समझौतों के मामले में। भारत ने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए परमाणु ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत ने 2015 में श्रीलंका के साथ परमाणु ऊर्जा समझौता किया था।

परियोजना और भारत का व्यापक समर्थन

श्रीलंका की इस योजना में सौर, पवन, बैटरी पॉवर और स्टैंडबाय डीज़ल पॉवर सिस्टम समेत ऊर्जा के विभिन्न रूपों को मिलाकर हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों का निर्माण शामिल है। यह पहल श्रीलंका, मूलतः उत्तरी व पूर्वी क्षेत्रों में ऊर्जा परियोजनाओं के लिये भारत के व्यापक समर्थन का हिस्सा है। नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन और अदानी समूह श्रीलंका के विभिन्न हिस्सों में अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में भी शामिल हैं। इस परियोजना का उद्देश्य तीन द्वीपों के निवासियों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना है। इसमें 530 किलोवाट पवन ऊर्जा, 1,700 किलोवाट सौर ऊर्जा और 2,400 किलोवाट बैटरी पॉवर तथा 2,500 किलोवाट स्टैंडबाय डीज़ल पॉवर सिस्टम शामिल है।

मोदी, श्रीलंका और विक्रमसिंघे

रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार शाम को टेलीफोन पर मोदी को भाजपानीत राजग की जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा, यह जीत भारत की जनता का मोदी के नेतृत्व में प्रगति और समृद्धि के प्रति विश्वास को इंगित करता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर पोस्ट किया, ‘‘करीबी पड़ोसी होने के नाते श्रीलंका, भारत के साथ साझेदारी को और मजबूत करने को इच्छुक है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।

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