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मोदी ने जेलेंस्की को लगाया फोन: रूस-यूक्रेन जंग रोकने के लिए कही यह बात, जानिए इस बात के पहलू

India-Ukraine Peace Talks: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की, जिसमें भारत ने युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

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Aug 30, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की। (फोटो : एक्स.)

India-Ukraine Peace Talks: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Zelensky) से फोन पर बातचीत की। इस दौरान, मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia–Ukraine War) के समाधान के लिए भारत के दृढ़ रुख को दोहराया और शांति की बहाली के प्रयासों में मदद देने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। यह बातचीत दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत की शांति (India-Ukraine Peace Talks) की ओर प्रतिबद्धता को स्पष्ट करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए भारत के समर्थन का स्पष्ट इज़हार किया। उन्होंने जेलेंस्की को यह भरोसा दिलाया कि भारत इस युद्ध को समाप्त करने के लिए हर संभव सहयोग देगा। उनका यह बयान दर्शाता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति स्थापित करने के लिए हमेशा तैयार है और संघर्षों के बजाय बातचीत को प्राथमिकता देता है।

भारत की विदेश नीति: रूस व यूक्रेन में शांति के लिए सक्रिय भूमिका

मोदी और जेलेंस्की के बीच की यह बातचीत एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि भारत ने हमेशा युद्ध के बजाय बातचीत और शांति की पहल की है। यह फोन कॉल यूक्रेन के लिए भारत की समर्थन की निशानी है, और यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक संकटों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है। मोदी ने यह भी साफ किया कि भारत किसी भी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने प्रयास जारी रखेगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारी तबाही: मोदी ने किया युद्ध समाप्त करने का आह्वान

रूस-यूक्रेन युद्ध ने दोनों देशों के नागरिकों के लिए भारी तबाही मचाई है, और इस युद्ध के कारण हज़ारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह युद्ध अब कई महीनों से जारी है और इसके कारण दुनियाभर में तनाव बढ़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान इस संकट को समाप्त करने के लिए विश्व समुदाय से सहयोग की अपील की।

भारत और रूस के संबंध: तेल खरीद पर अमेरिका की नाराजगी

एक और महत्वपूर्ण मुद्दा जो इस बातचीत से जुड़ा है, वह भारत का रूस से तेल खरीदने का निर्णय है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए आलोचना की है और भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस स्थिति में भी भारत ने अपनी विदेश नीति को कायम रखते हुए अपने राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी है।

भारत की विदेश नीति में अहम बदलाव की संभावना: अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ा

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक संदेश देता है कि भारत किसी भी स्थिति में संघर्ष का पक्ष नहीं लेगा और शांति के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। इससे यह भी साबित होता है कि भारत वैश्विक समस्याओं में एक गंभीर और जिम्मेदार भागीदार बनने का प्रयास कर रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे मामलों में भारत का रुख स्पष्ट और तटस्थ है, लेकिन शांति के पक्ष में खड़ा है।

मोदी का संदेश: शांति ही सर्वोत्तम उपाय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जेलेंस्की से हुई फोन कॉल में यह संदेश साफ था कि युद्ध की कोई भी स्थिति किसी के लिए भी लाभकारी नहीं होती। मोदी ने शांति की ओर कदम बढ़ाने की ओर अपनी प्रतिबद्धता जताई और इस संकट को समाप्त करने के लिए भारत के समर्थन का आश्वासन दिया। यह भारत की वैश्विक शांति प्रयासों में एक और अहम कदम है, और इससे यह साबित होता है कि भारत एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में उभर रहा है।

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