एफबीआई ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसके पास 63 करोड़ पासवर्ड का डाटाबेस था। ये पासवर्ड वेबसाइटों से खरीदे गए, टेलीग्राम चैनलों से इकट्ठे किए गए और डार्क वेब से हासिल किए गए थे। एफबीआई ने हैकर का नाम और गिरफ्तारी की जगह सार्वजनिक नहीं की है।
डिजिटल दुनिया की चकाचौंध के पीछे छिपे खतरों की एक डरावनी तस्वीर सामने आई है। अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी एफबीआई ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसके पास इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में करीब 63 करोड़ पासवर्ड का विशाल डाटाबेस मौजूद था।
यह सभी पासवर्ड अलग-अलग तरीकों से चोरी करके जमा किए गए थे। इसमें से कुछ पासवर्ड वेबसाइटों से खरीदे गए थे, कुछ टेलीग्राम चैनलों के जरिए इकट्ठा किए गए, तो कई डार्क वेब से हासिल किए गए।
इसके अलावा हैकर ने खुद भी अलग-अलग साइबर अपराधों के जरिए पासवर्ड चुराए थे। एफबीआई ने अभी तक हैकर का नाम, गिरफ्तारी की जगह और अन्य जानकारी सार्वजनिक नही की है।
इतने बड़े डाटा लीक ने एफबीआई के अधिकारियों को चिंतित कर दिया है। एफबीआइ के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी भर नहीं है, बल्कि उस खतरे की चेतावनी है, जो लगातार बढ़ रहा है।
इतनी बड़ी संख्या में पासवर्ड का एक जगह जमा होना यह दिखाता है कि आम लोगों का डिजिटल जीवन बेहद असुरक्षित हो सकता है।
इस ताजा मामले को मिलाकर दुनिया में चोरी हुए अकाउंट्स व पासवर्ड की कुल संख्या 1800 करोड़ पार कर चुकी है। पकड़े गए लीक पासवर्ड व ईमेल का डाटाबेस हैव आई बीन पॉन्ड वेबसाइट पर बनाया जाता है, जहां बीते 4 साल से एफबीआई भी जानकारियां जमा कर रही है।
साइबर विशेषज्ञ ट्रॉय हंट ने ताजा मामले पर कहा कि 63 करोड़ में 4.60 करोड़ लोगों का डाटा नया है। यह बहुत बड़ी संख्या है। लोगों को सावधान हो जाना चाहिए।
शाइनी हंटर्स नाम के हैकरों ने अमेरिका में एक पॉर्न वेबसाइट से भी यूजर्स का डाटा चुरा लिया। उन्होंने इसे लीक करने की धमकी दी है। ऐसा न करने की एवज में प्रतिष्ठित यूजर्स से बिटकॉइन में फिरौती मांगी है।
उन्होंने प्रेस को सैंपल डाटा जारी किया, जिससे तीन यूजर्स पुष्टि की गई। हालांकि उन्होंने बताया कि वे काफी समय पहले वेबसाइट के यूजर थे।
इस वेबसाइट पर 10 करोड़ यूजर हैं और पिछले साल लोगों ने 3,600 करोड़ बार इसे विजिट किया था। वेबसाइट ने पिछले कुछ महीनों में अपने यूजर्स का डाटा साइबर अपराधियों द्वारा चुराए जाने की पुष्टि की थी।
अगर आपको जानना हो कि आपका ईमेल या पासवर्ड किसी डाटा लीक में चोरी हुए है या नहीं, तो वेबसाइट हैव आई बीन पॉन्ड वेबसाइट पर जांच सकते हैं।
इसमें अपने ईमेल एड्रेस से सर्च करें तो वेबसाइट बता देगी कि इससे जुड़ा डाटा किसी लीक का हिस्सा था या नहीं। अगर डाटा लीक हुआ है तो कब लीक हुआ, कितने लोगों का डाटा चोरी हुआ था, क्या-क्या जानकारियां जैसे ईमेल, पासवर्ड, फोन नंबर, यूजरनेम या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स आदि के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।
अकाउंट हैक- हैकर्स लीक हुए ईमेल आइडी और पासवर्ड से विभिन्न ई-मेल व सोशल मीडिया अकाउंट को अपने कब्जे में कर सकते हैं। ऐसा करके वे मैसेज पढ़ सकते हैं, किसी भी तरह के पोस्ट कर सकते हैं, दोस्तों से पैसे तक मांग सकते हैं।
पैसे का नुकसान- बैंकिंग, स्टॉक्स, शॉपिंग साइट्स व वित्तीय गतिविधियों से जुड़े ऐप व वेबसाइट पर बने अकाउंट को नियंत्रण में लेकर पैसे का नुकसान कर सकते हैं। पैसा, बिटकॉइन या स्टॉक्स दूसरे अकाउंट में भेजना, शॉपिंग, हमारे नाम पर लोन लेने जैसे अपराध अंजाम दे सकते हैं।
पहचान चोरी (आइडेंटिटी थेफ्ट)- हमारी निजी जानकारियां, नाम, फोन, पते, आधार नंबर आदि का गलत इस्तेमाल सकते हैं। फेक अकाउंट बनाकर अपराध अंजाम दे सकते हैं।