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26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत, अमेरिकी अदालत ने दिया ग्रीन सिग्नल

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के मामले में भारत सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिली है। यह कामयाबी पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।

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26/11 Mumbai terror attack accused Tahawwur Rana

26/11 मुंबई आतंकी हमले (Mumbai Terror Attack) भारत में हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है, जिसे भूलना किसी के लिए भी आसान नहीं है। 2008 में पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में अलग-अलग जगहों पर बम धमाकों, गोलीबारी और साथ ही लोगों को बंधक बनाते हुए अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया था। इस आतंकी हमले में 175 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 166 नागरिक और 9 आतंकी थे। साथ ही 300 से ज़्यादा लोग इस आतंकी हमले में घायल भी हो गए थे। इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था और इसी आतंकी संगठन के 10 आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था। 10 में से सिर्फ एक आतंकी अजमल कसाब ही इस हमले में ज़िंदा बच गया था, जिसे 2012 में फांसी दे दी गई थी। तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Hussain Rana) नाम के आतंकी ने इस हमले की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाई थी, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई निवासी था। पर इतने साल बीतने के बाद भी उसे तक उसे भारत नहीं लाया जा सका है। पर अब इस मामले में भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिल गई है।

तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत

26/11 मुंबई आतंकी हमले का आरोपी, 63 साल का तहव्वुर इस समय अमेरिका की एक जेल में बंद है। भारत सरकार काफी समय से उसे अमेरिका से लाने की कोशिश कर रही है जिससे उसके खिलाफ ज़रूरी कार्रवाई की जा सके, पर अभी तक इसमें कामयाबी नहीं मिल रही थी। पर अब जल्द ही तहव्वुर को भारत लाया जाएगा।


भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत होगा प्रत्यर्पण

भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि हुई है। इसी प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत होगा तहव्वुर को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा।

अमेरिकी अदालत ने दिया ग्रीन सिग्नल

भारत सरकार ने काफी समय से तहव्वुर के प्रत्यर्पण की अपील की हुई थी। भारत-अमेरिका की प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी भी दे दी गई है। कुछ समय पहले अमेरिका की एक जिला अदालत ने भी अमेरिकी सरकार की मंज़ूरी के बाद तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी थी। हालांकि तहव्वुर ने इस फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी, लेकिन अमेरिकी अदालत ने 15 अगस्त को हुई सुनवाई में तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को ग्रीन सिग्नल दे दिया है।

पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका

पाकिस्तान ने कभी नहीं चाहा कि तहव्वुर को भारत लाया जाए। ऐसे में तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को ग्रीन सिग्नल मिलना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि अभी भी तहव्वुर के पास अपने भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं, लेकिन अब उसका भारत प्रत्यर्पण तय हो चुका है।

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