Nepal Gen Z Protest: नेपाल में बढ़ती हिंसा को देखते हुए सेना को तैनात किया गया है और पशुपतिनाथ मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया।
Nepal Protest: नेपाल के प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक पशुपतिनाथ मंदिर को बुधवार को देश में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के कारण दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया। मंदिर परिसर की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए नेपाल सेना को तैनात किया गया है। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को हिंसक हुए देशव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच मंदिर को बंद करने का निर्णय लिया गया।
ये प्रदर्शन मुख्य रूप से युवाओं द्वारा शुरू किए गए थे, जो सरकार के हालिया फैसलों, खासकर 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं। प्रदर्शनों के बढ़ते दबाव के बीच मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और अन्य शीर्ष नेताओं के आवासों को निशाना बनाया और संसद भवन में तोड़फोड़ की।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सोमवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक लोग घायल हुए। हिंसा के बाद सरकार ने सोमवार देर रात 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए विवादास्पद प्रतिबंध को हटा लिया। इसके अलावा, गृह मंत्री रमेश लेखक सहित कई अन्य मंत्रियों ने भी संकट के बीच इस्तीफा दे दिया।
नेपाल सेना ने मंगलवार देर रात से काठमांडू में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी है। भारत ने नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है और अपने नागरिकों को नेपाल में यात्रा से बचने और घरों में रहने की सलाह दी है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नेपाल में बिगड़ती स्थिति पर चर्चा की गई। उन्होंने युवाओं की जान जाने पर गहरी पीड़ा व्यक्त की और नेपाल में शांति तथा स्थिरता के महत्व पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, "कई युवाओं की जान चली गई है। नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं नेपाल के सभी भाइयों और बहनों से शांति का समर्थन करने की विनम्र अपील करता हूं।"
इस बीच, नेपाल सेना ने मंगलवार रात 10 बजे से देश की सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ले ली है और काठमांडू के प्रमुख चौराहों पर चेकपॉइंट स्थापित कर लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारियों के हिंसक रवैये और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के बाद सेना को तैनात किया गया है।