विदेश

नेपाल में चल रहे प्रदर्शन के बीच, बम ब्लास्ट के आरोपी पूर्व मंत्री समेत कई अपराधी जेल तोड़ कर भागे

नेपाल में चल रहे आंदोलन के बीच जेल से कैदी फरार हो रहे है। इन कैदियों में बम ब्लास्ट के आरोपी पूर्व राज्य मंत्री संजय कुमार साह और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने जैसे कई नेता भी शामिल है।

2 min read
Sep 10, 2025
बम ब्लास्ट के आरोपी नेपाल के पूर्व राज्य मंत्री संजय कुमार साह (फोटो- एएनआई)

नेपाल में Gen-Z आंदोलन के चलते कुछ ही दिनों में देश की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुई इस आंदोलन ने न सिर्फ सरकार को बैन हटाने पर मजबूर किया बल्कि सरकार को ही देश से हटा दिया। भारी प्रदर्शन के चलते पहले एक के बाद एक कई मंत्रियों ने अपने पद छोड़े आखिर में मंगलवार को देश के पीएम केपी ओली ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से देश की व्यवस्था सेना के हाथ में आ गई है, लेकिन देश के हालात सुधरने को तैयार नहीं है। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाते हुए देश की जेलों में बंद आरोपी भी जेल तोड़ कर भाग रहे है।

ये भी पढ़ें

नेपाल में विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार पर बढ़ा खतरा, ओली कैबिनेट के 3 और मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

जेल से भागे कैदियों में कई नेता शामिल

इन आरोपियों में बम ब्लास्ट के आरोपी पूर्व राज्य मंत्री संजय कुमार साह भी शामिल है। संजय ललितपुर की नखू जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, लेकिन आंदोलन के बीच वह अपने कई साथियों के साथ जेल से बाहर आ गए है। प्रदर्शन के बीच जेल से निकले कैदियों में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने और अन्य कई लोग शामिल है। देश के कई जेलों में ऐसे ही हालात बने हुए है। प्रदर्शनकारियों ने जेल परिसरों पर धावा बोल दिया है और ताले तोड़कर कैदियों को रिहा कर दिया है। कुछ जेलों में, कैदियों ने खुद ही इस अशांति का फायदा उठाते हुए जेल तोड़ दी है और भाग निकले हैं।

नेताओं के समर्थकों ने सरकारी रेकॉर्ड जलाए

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि जेल से भागे कैदियों के खिलाफ भविष्य में किसी तरह की कार्रवाई न हो इसको ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनकारियों ने सभी सरकारी रिकॉर्ड और फाइलें जला दी हैं, जिससे उनके खिलाफ सभी सबूत मिट जाए। जेल में बंद राजनीतिक नेताओं के समर्थक ताले तोड़ने में भी मदद कर रहे हैं। वहीं हिसंक प्रदर्शन के डर से पुलिस भी पीछे हट गई है और कैदियों के भागने में हस्तक्षेप नहीं कर रही है।

जेल से निकलने के बाद खुद से खुद को बेगुनाह बता रहा शाह

बता दे कि साह पिछले 13 सालों से जेल में बंद था और आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जेल जाने से पहले वह मधेसी जनाधिकार फोरम से दो बार सांसद रह चुका है। बाद में शाह को सद्भावना पार्टी की तरफ से संविधान सभा का सदस्य भी चुना गया था। शाह को 30 अप्रैल 2012 को जनकपुर के रामानन्द चौक पर हुए बम धमाके की घटना में मुख्य आरोपी पाया गया था। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही शाह के खिलाफ रेडियो टुडे के मीडिया उद्यमी अरुण सिंघानिया की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता होने का भी आरोप है। जेल से भागने के बाद से ही शाह अपने आप को बेगुनाह बता रहा है और GEN Z के आंदोलन की सराहना कर रहा है।

Updated on:
10 Sept 2025 01:37 pm
Published on:
10 Sept 2025 01:18 pm
Also Read
View All

अगली खबर