प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-जापान के बीच स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई।
PM Modi visit to Japan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने 29 अगस्त 2025 को टोक्यो में एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने भारत-जापान स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। पीएम मोदी ने इशिबा के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा कि उनकी चर्चा उपयोगी और उद्देश्यपूर्ण रही। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और जापान, दो जीवंत लोकतंत्र और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं होने के नाते, वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए स्वाभाविक साझेदार हैं।
मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने अगले दशक के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें निवेश, नवाचार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी सहयोग, स्वास्थ्य, गतिशीलता, और जन-से-जन संपर्क शामिल हैं। भारत ने अगले 10 वर्षों में जापान से 10 ट्रिलियन येन (लगभग 70 अरब डॉलर) निवेश आकर्षित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पीएम ने कहा कि यह साझेदारी न केवल द्विपक्षीय हितों को बढ़ाएगी, बल्कि वैश्विक विकास में भी योगदान देगी।
दोनों देश सतत विकास के लिए सस्टेनेबल फ्यूल्स इनिशिएटिव और बैटरी सप्लाई चेन पार्टनरशिप शुरू करने जा रहे हैं। इसके अलावा, इकोनॉमिक सिक्योरिटी कोऑपरेशन इनिशिएटिव के तहत रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। उच्च प्रौद्योगिकी में डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 और एआई कोऑपरेशन इनिशिएटिव पर काम शुरू होगा, जिसमें सेमीकंडक्टर्स और रेयर अर्थ मिनरल्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ये कदम भारत को तकनीकी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा के दौरान शुक्रवार को दारुमा-जी मंदिर के मुख्य पुजारी रेव सीशी हिरोसे से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी को दारुमा गुड़िया के रूप में खास तोहफा मिला। यह सौभाग्य का प्रतीक एक पारंपरिक जापानी गुड़िया है। दारुमा गुड़िया बौद्ध धर्म के जेन संप्रदाय के संस्थापक बोधिधर्म (दारुमा दैशी) पर आधारित है। यह गुड़िया दृढ़ता और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। इसका उपयोग लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए किया जाता है।