उत्तर कोरिया की किम यो-जोंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि कोई भी लापरवाही भारी पड़ सकती है और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह अभ्यास उत्तर कोरियाई खतरों का मुकाबला करने के लिए किया जा रहा है, जिसके जवाब में किम ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को कड़ी चेतावनी दी है। तीनों देशों के बीच हाल ही में हुए संयुक्त सैन्य अभ्यासों के बाद यह तनाव और बढ़ गया है।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया को खुलेआम धमकी दे डाली है। दरअसल, अमेरिका और दक्षिण कोरिया सोमवार से शुक्रवार तक प्योंगटेक के कैंप हम्फ्रीज स्थित अमेरिकी सेना कोरिया मुख्यालय में संयुक्त रूप से सैन्य अभ्यास करने वाले हैं।
रविवार को किम जोंग की बहन ने दोनों देशों के बीच प्रस्तावित संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की। इसके साथ, सख्त लहजे में यह भी कह दिया सैन्य अभ्यास करना है तो करो लेकिन एक लापरवाही दोनों पर भारी पड़ जाएगी। कोई भी गलती होने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
बताया जा रहा है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य उत्तर कोरियाई खतरों को रोकने के लिए वाशिंगटन की परमाणु क्षमताओं और सियोल की पारंपरिक क्षमताओं को एकीकृत करना है।
किम ने कहा कि अगर इस अभ्यास से उत्तर कोरिया पर कोई भी खतरा मंडराता दिखता है तो किसी के लिए यह सही नहीं होगा।
किम ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया द्वारा गलत जगह पर लापरवाही से किया गया बल प्रयोग, निश्चित रूप से प्रतिकूल परिणाम लाएगा।
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच होने वाला यह पहला ऐसा सैन्य अभ्यास होगा। दोनों ने उत्तर कोरिया से बातचीत फिर से शुरू करने का प्रयास किया है।
बताया जा रहा है कि इसी अवधि के दौरान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान संयुक्त रूप से जेजू द्वीप के दक्षिण-पूर्व में अंतरराष्ट्री जलक्षेत्र में बहु-क्षेत्रीय फ्रीडम एज अभ्यास भी करेंगे।
बता दें कि जुलाई में भी दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु और मिसाइल धमकियों के मद्देनजर अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए संयुक्त वायु अभ्यास किया था।
यह अभ्यास जेजू द्वीप के पास अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में हुआ था, जिसमें दक्षिण कोरिया के केएफ-16 और जापान के एफ-2 लड़ाकू विमानों के साथ अमेरिकी रणनीतिक बी-52एच बमवर्षक ने भाग लिया।