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बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: ईशनिंदा के नाम पर दर्ज हुए 71 केस, डराने वाली रिपोर्ट आई सामने

रिपोर्ट के अनुसार, जून से दिसंबर 2025 के बीच बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों से जुड़ी 71 घटनाएं दर्ज की गईं। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

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बांग्लादेशी हिंदुओं पर हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

Bangladesh Hindus News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार (यूनुस प्रशासन) के कार्यकाल में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल के महीनों में हिंदुओं के खिलाफ ईशनिंदा के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है। ईशनिंदा के नाम पर होने वाली हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों की चिंता बढ़ा दी है। 'ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज' (HRCBM) की एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

HRCBM की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

रिपोर्ट के अनुसार, जून से दिसंबर 2025 के बीच बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों से जुड़ी 71 घटनाएं दर्ज की गईं। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

इन 30 जिलों में सबसे ज्यादा हिंसा

HRCBM की रिपोर्ट के मुताबिक, रंगपुर, चांदपुर, चटोग्राम, दिनाजपुर, लालमोनिरहाट, सुनामगंज, खुलना, कोमिला, गाजीपुर, तंगेल और सिलहट सहित 30 से अधिक जिलों में ये मामले दर्ज किए गए हैं। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इन मामलों का प्रसार और पैटर्न यह दर्शाता है कि ये केवल अलग-थलग घटनाएं नहीं, बल्कि एक सुनियोजित धार्मिक निशाना हैं।

दीपू चंद्र दास की बेरहम लिंचिंग

18 दिसंबर 2025 की रात को मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिले में 27 वर्षीय हिंदू गारमेंट कर्मचारी दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। उन पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप था। उग्र भीड़ ने न केवल उन्हें बेरहमी से पीटा, बल्कि शव को पेड़ से बांधकर आग भी लगा दी। इस जघन्य कांड ने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

अमृत मंडल उर्फ सम्राट की हत्या

महज एक हफ्ते बाद, 24 दिसंबर 2025 को राजबाड़ी जिले के पांग्शा क्षेत्र में 29 वर्षीय हिंदू युवक अमृत मंडल उर्फ सम्राट को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। हालांकि पुलिस का दावा है कि सम्राट पर जबरन वसूली और आपराधिक गतिविधियों के आरोप थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों के संदर्भ में ही देखा जा रहा है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर गहराता संकट

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में सिलसिलेवार घटनाएं हुई हैं:
19 जून: बरिशाल के अगलझारा में तमाल बैद्य की गिरफ्तारी।
22 जून: चांदपुर के मतलाब में शांतों सूत्रधार के खिलाफ विरोध मार्च।
27 जुलाई: रंगपुर में 17 वर्षीय रंजन रॉय की गिरफ्तारी के बाद 22 हिंदू घरों में तोड़फोड़।
4 सितंबर: खुलना में 15 वर्षीय उत्सव मंडल की बर्बर पिटाई।

ईशनिंदा और अत्याचार का पैटर्न

रिपोर्ट में एक चिंताजनक तथ्य यह सामने आया है कि ईशनिंदा के 90 प्रतिशत आरोपी हिंदू हैं, जिनमें 15 से 17 साल के किशोर भी शामिल हैं। अधिकांश मामले सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े हैं, जिनमें से कई आईडी हैक होने या फर्जी होने की बात सामने आई है। यह एक सुनियोजित पैटर्न की ओर इशारा करता है, जिसका उद्देश्य डर और खौफ का माहौल पैदा करना है।