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पाकिस्तान में कंडोम को लेकर क्यों मचा है बवाल? PM शरीफ को पूरी दुनिया के सामने होना पड़ा जलील, जानें पूरा मामला

पाकिस्तान में कंडोम और अन्य गर्भनिरोधक वस्तुओं पर GST घटाने की मांग को IMF ने ठुकरा दिया है। पाक पीएम शहबाज शरीफ की 18% GST कम करने की अपील को IMF ने खारिज कर दिया, कहा कि वित्तीय वर्ष के बीच में टैक्स राहत देना संभव नहीं है।

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Dec 19, 2025
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ। (फोटो- IANS)

पाकिस्तान में कंडोम और अन्य गर्भनिरोधक वस्तुओं पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) घटाने की मांग की गई थी। जिसे आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) ने सीधे तौर पर ठुकरा दी है।

पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कंडोम पर 18 प्रतिशत जीएसटी कम करने की अपील की थी, लेकिन आईएमएफ ने उनकी एक बात नहीं सुनी। जिसको लेकर शाहबाज को दुनिया भर के सामने जलील होना पड़ा।

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आईएमएफ ने पाक पीएम की मांग को ठुकराते हुए कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के बीच में टैक्स राहत देना संभव नहीं है, खासकर जब पाकिस्तान अपने संशोधित राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में संघर्ष कर रहा है। आईएमएफ ने सैनिटरी पैड और बेबी डायपर पर भी जीएसटी घटाने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है।

क्यों पाकिस्तान को माननी पड़ रही आईएमएफ की बात?

पाकिस्तान को इस वक्त हर मामले में आईएमएफ की बात माननी पड़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है। पाकिस्तान ने आईएमएफ से काफी कर्ज लिया है, लेकिन आर्थिक सुधार नहीं कर पाया है।

आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए कई शर्तें रखी हैं, जिनमें आर्थिक नीतियों में सुधार, टैक्स बढ़ाना और बिजली सब्सिडी में कटौती शामिल है। पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तें माननी पड़ रही हैं क्योंकि उसके पास कोई और विकल्प नहीं हैं।

हाल ऐसा है कि आईएमएफ की मंजूरी के बिना पाकिस्तान सरकार कोई बड़ा वित्तीय फैसला नहीं ले सकती है। पाकिस्तान में कंडोम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जिससे इसकी कीमत इतनी बढ़ जाती है कि आम आदमी इसे खरीद नहीं पाता है।

कैसी है पाक की आर्थिक स्थिति?

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। देश का कुल सार्वजनिक कर्ज जून 2025 तक 286।83 अरब डॉलर (80।6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये) तक पहुंच गया था, जो देश की जीडीपी का लगभग 70 प्रतिशत है। पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ 2025 में 2।7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के 2।6 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।

कुछ ही दिनों पहले आईएमएफ ने भ्रष्टाचार को देखते हुए अपने 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाईं हैं। जिससे पाक में कुछ हद तक भ्रष्टाचार थमने की उम्मीद है।

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