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Pakistan: कंगाल पाकिस्तान के कर्ज ने तोड़े अब तक के सारे रिकॉर्ड, जानिए कितना है उधार?

Pakistan Debt: कर्ज में डूबे पाकिस्तान को हाल ही में IMF ने 26 सितंबर को 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी।

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Pakistan debt reaches record level of 70 trillion Pakistani rupees

Pakistan Debt: फटेहाल पाकिस्तान सिर से लेकर पांव तक कर्ज में तो कब से डूबा हुआ है लेकिन अब तो वो इस कर्ज के दलदल में धंसता चला रहा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर कर्ज को लेकर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने नए आंकड़े जारी किए हैं। जिसने पाकिस्तान की तंगहाली को पूरी दुनिया के सामने लाकर रख दिया है। पाकिस्तान पर कुल कर्ज ने तो अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इससे अब पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंता पैदा हो गई है।

70.36 ट्रिलियन PKR है कुल कर्ज

आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार का कर्ज (Pakistan Debt) पाकिस्तानी मुद्रा (PKR) 70.36 ट्रिलियन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में ही संघीय कर्ज में PKR 1,448 बिलियन की बढ़ोतरी हुई, जिसमें अकेले अगस्त में PKR 739 बिलियन जुड़े। सितंबर 2023 और अगस्त 2024 के बीच संघीय सरकार का कर्ज PKR 6,392 बिलियन तक बढ़ गया। अगस्त 2024 तक, घरेलू कर्ज PKR 48,339 बिलियन था, जबकि बाहरी कर्ज PKR 22,023 बिलियन था।

IMF ने 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया

हाल ही में, IMF ने 26 सितंबर को पाकिस्तान के लिए 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें चल रहे आर्थिक संकट को दूर करने के लिए नकदी की कमी से जूझ रहे देश के प्रयासों को मजबूत करने के लिए 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से कम के पहले ऋण किश्त को तुरंत जारी करने की अनुमति दी गई, ARY न्यूज़ ने रिपोर्ट की।

7 बिलियन अमरीकी डॉलर का नया ऋण 1947 में स्वतंत्रता के बाद से पाकिस्तान का 25वाँ IMF कार्यक्रम है, किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक संख्या।

डिफॉल्टर की कगार पर आ गया पाकिस्तान

पिछले साल पाकिस्तान डिफॉल्ट के कगार पर आ गया था क्योंकि 2022 के विनाशकारी मानसून बाढ़ और दशकों के कुप्रबंधन के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद राजनीतिक अराजकता के बीच अर्थव्यवस्था सिकुड़ गई थी। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, सरकार को मित्र देशों से अंतिम समय में मिले ऋणों के साथ-साथ IMF बचाव पैकेज से बचाया गया था, लेकिन उच्च मुद्रास्फीति और चौंका देने वाले सार्वजनिक ऋणों के साथ इसकी वित्तीय स्थिति अभी भी गंभीर संकट में है।

जुलाई में जब ऋण सौदे पर सहमति बनी थी, तब पाकिस्तान के पीएम ने कहा था, "इस कार्यक्रम को अंतिम कार्यक्रम माना जाना चाहिए।" डॉन के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने नए ऋण को मंजूरी देने के लिए आईएमएफ अधिकारियों के साथ महीनों तक बहस की।

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