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भारत के आगे गिड़गिड़ा रहा पाकिस्तान, विदेश मंत्री बोले- हम जम्मू-कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर बातचीत को तैयार

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर भारत से बातचीत की गुहार लगाई है! हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान विदेश मंत्री का यह बयान आया है। सिंधु जल संधि को लेकर पहले परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान अब बातचीत के लिए 'गरिमापूर्ण' तरीका अपनाने की बात कर रहा है। क्या यह पाकिस्तान की मजबूरी है या कोई नई चाल?

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Aug 30, 2025
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार। (फोटो- IANS)

पाकिस्तान लगातार भारत के गिड़गिड़ा रहा है। उसने फिर भारत के साथ जम्मू-कश्मीर सहित तमाम मुद्दों पर बातचीत करने की इच्छा जाहिर की है। इस संबंध में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का बयान सामने आया है।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान बातचीत के लिए भारत से भीख नहीं मांगेगा। मीडिया के साथ बातचीत के दौरान डार ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर विवाद सहित सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ गरिमापूर्ण और सम्मानजनक तरीके से बातचीत के लिए तैयार है।

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22 अप्रैल के बाद से बढ़ा है भारत-पाक के बीच तनाव

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमला हुआ था। इसके एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए।

भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यहां तक कि भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। तब से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

भारत द्वारा पानी रोकने के फैसले पर पाकिस्तान की बौखलाहट भी खुलकर सामने आई। पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने अमेरिका में बैठकर भारत को परमाणु हमले की धमकी तक दे डाली।

उन्होंने कहा था कि अगर भारत सिंधु जल को रोकने के लिए बांध बनाएगा तो हम परमाणु हमला करके आधी दुनिया को बर्बाद कर देंगे।

बाद में पाकिस्तान ने क्या कहा?

हालांकि, बाद में पाकिस्तान फिर गिड़गिड़ाने लगा। पाकिस्तान सरकार की ओर से कहा गया कि वह सिंधु जल संधि के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।

इसके साथ उसने भारत से आग्रह किया कि वह समझौते के तहत सिंधु जल के कामकाज को तुरंत बहाल करे, जिसे भारत ने मई से स्थगित रखा है।

अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को कहा कि आतंकवादियों ने अप्रैल में हुए आतंकवादी हमले के लिए बैसरन को इसलिए चुना क्योंकि वहाँ पर्यटकों की भारी भीड़ थी, यह क्षेत्र अपेक्षाकृत अलग-थलग था और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया समय कम था।

एनआईए ने जून में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पिछले महीने के अंत में सशस्त्र बलों ने मार गिराया था।

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