India-China Relations: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी महत्वपूर्ण बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने शुक्रवार को बड़ा संदेश किया है।
India-China Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के जापान दौरे पर है। प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-जापान के बीच स्पेशल स्ट्रैटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। जापान दौर के बाद पीएम मोदी चीन जाएंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी महत्वपूर्ण बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बड़ा संदेश किया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली आपसी सम्मान, साझा हितों और संवेदनशीलता पर आधारित रणनीतिक, दीर्घकालिक दृष्टिकोण के माध्यम से बीजिंग के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने योमिउरी शिम्बुन (जापान का सबसे बड़ा और दुनिया के सबसे अधिक बिकने वाले समाचार पत्रों में से एक है) के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए चीन के साथ स्थिर संबंध आवश्यक है।
पीएम मोदी 31 अगस्त को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्ता करेंगे। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की पृष्ठभूमि में एशियाई प्रतिद्वंद्वियों के बीच संबंधों में मधुरता आ रही है। मोदी एससीओ क्षेत्रीय सुरक्षा ब्लॉक के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सात साल में पहली बार चीन की यात्रा पर हैं, जिसके सदस्यों में रूस और ईरान भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने योमिउरी शिंबुन को बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर, मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां से तियानजिन जाऊंगा। पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मेरी मुलाकात के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार और सकारात्मक प्रगति हुई है। मोदी ने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच अच्छे संबंधों का क्षेत्र की समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि दो पड़ोसी और पृथ्वी पर दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूप में भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि बहुध्रुवीय विश्व में अस्थिरता को देखते हुए स्थिर भारत-चीन संबंध भी आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि यह बहुध्रुवीय एशिया और बहुध्रुवीय विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। विश्व अर्थव्यवस्था में वर्तमान अस्थिरता को देखते हुए, दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन के लिए विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए मिलकर काम करना भी महत्वपूर्ण है। भारत आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और हमारी विकासात्मक चुनौतियों का समाधान करने के लिए रणनीतिक संचार को बढ़ाने के लिए तैयार है।